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'''राष्ट्रीय राजमार्ग 7 ''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''National Highway 7  '' अथवा NH7) की कुल लंबाई 2369 किमी है। यह [[भारत]] का सबसे बड़ा राजमार्ग है, जो [[उत्तर प्रदेश]] के [[वाराणसी|वाराणसी शहर]] को भारत के दक्षिणी कोने, [[तमिलनाडु]] के [[कन्याकुमारी]] शहर के साथ जोड़ता है। यह वाराणसी, [[रीवा]], [[जबलपुर]], [[नागपुर]], [[हैदराबाद]], [[कुरनूल]], [[बैंगलोर]], कृष्णागिरि, सलेम, डिंडीगुल, [[मदुरई]], तिरुनेलवेली और [[कन्याकुमारी]] आदि प्रमुख नगरों को जोड़ता है।  
 
==स्वर्णिम परियोजना==
 
==स्वर्णिम परियोजना==
 
भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 या एनएच 44 (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग 7), प्रमुख उत्तर दक्षिण राष्ट्रीय राजमार्ग है जो कि उत्तर प्रदेश, [[मध्य प्रदेश]], [[महाराष्ट्र]], [[आंध्र प्रदेश]], [[कर्नाटक]] और [[तमिलनाडु]] राज्यों के मध्य से होकर गुजरता है। एनएच 44 केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा बनाया गया था और उसकी देखरेख भी वही करता है। यह राजमार्ग वाराणसी के हैदराबाद गेट से प्रारम्भ होता है। यह राजमार्ग कई महत्वपूर्ण भारतीय शहरों को जोड़ता है जैसे वाराणसी, रीवा, जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, कुरनूल, बंगलौर, कृष्णागिरि, धर्मपुरी, सेलम, नामक्कल, वेल्लूर, करूर, डिंडीगुल, मदुरै, विरुधुनगर, तिरुनेलवेली आदि। राष्ट्रीय राजमार्ग 44 का एक प्रमुख हिस्सा एनएचडीपी के उत्तर दक्षिण कॉरिडोर को शामिल किया गया है। आधिकारिक रूप से यह वाराणसी से कन्याकुमारी तक 2,369 किलोमीटर (1,472 मील) चल रहा है। यह भारत में सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। राजमार्ग संख्या के हाल ही के सुव्यवस्थीकरण के अनुसार यह एनएच 44 के रूप में जाना जाता है।
 
भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 या एनएच 44 (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग 7), प्रमुख उत्तर दक्षिण राष्ट्रीय राजमार्ग है जो कि उत्तर प्रदेश, [[मध्य प्रदेश]], [[महाराष्ट्र]], [[आंध्र प्रदेश]], [[कर्नाटक]] और [[तमिलनाडु]] राज्यों के मध्य से होकर गुजरता है। एनएच 44 केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा बनाया गया था और उसकी देखरेख भी वही करता है। यह राजमार्ग वाराणसी के हैदराबाद गेट से प्रारम्भ होता है। यह राजमार्ग कई महत्वपूर्ण भारतीय शहरों को जोड़ता है जैसे वाराणसी, रीवा, जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, कुरनूल, बंगलौर, कृष्णागिरि, धर्मपुरी, सेलम, नामक्कल, वेल्लूर, करूर, डिंडीगुल, मदुरै, विरुधुनगर, तिरुनेलवेली आदि। राष्ट्रीय राजमार्ग 44 का एक प्रमुख हिस्सा एनएचडीपी के उत्तर दक्षिण कॉरिडोर को शामिल किया गया है। आधिकारिक रूप से यह वाराणसी से कन्याकुमारी तक 2,369 किलोमीटर (1,472 मील) चल रहा है। यह भारत में सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। राजमार्ग संख्या के हाल ही के सुव्यवस्थीकरण के अनुसार यह एनएच 44 के रूप में जाना जाता है।
 
==बैंगलूर होसुर रोड==
 
==बैंगलूर होसुर रोड==
बैंगलूर होसुर रोड राष्ट्रीय राजमार्ग 44 का हिस्सा है जो कर्नाटक की राजधानी बंगलौर शहर को और तमिलनाडु के सीमावर्ती शहर कृष्णागिरी ज़िले के होसुर से जोड़ता है। यह चार से आठ लेन का राजमार्ग है जिसके दोनों तरफ़ व्यस्त भाग में सेवा गलियों हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा होने के अतिरिक्त यह सड़क इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ कई औद्योगिक और आईटी व्यावसायिक घराने भी स्थित हैं। प्रसिद्ध आईटी औद्योगिक पार्क 'इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी' भी होसुर रोड पर ही स्थित है।
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बैंगलूर होसुर रोड राष्ट्रीय राजमार्ग 44 का हिस्सा है जो कर्नाटक की राजधानी बंगलौर शहर को और तमिलनाडु के सीमावर्ती शहर कृष्णागिरी ज़िले के होसुर से जोड़ता है। यह चार से आठ लेन का राजमार्ग है जिसके दोनों तरफ़ व्यस्त भाग में सेवा गलियों हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा होने के अतिरिक्त यह सड़क इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ कई औद्योगिक और आईटी व्यावसायिक घराने भी स्थित हैं। प्रसिद्ध आईटी औद्योगिक पार्क 'इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी' भी होसुर रोड पर ही स्थित है।
 
==टोल राजमार्ग==
 
==टोल राजमार्ग==
 
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बोम्मनहल्ली और 'इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी' के बीच एक 10 किलोमीटर लंबे टोल राजमार्ग का निर्माण किया है। इस टोल राजमार्ग के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के लिए यात्रा बहुत कम समय में हो जाती है और मार्ग बहु ही सरल कर दिया गया है। बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (Greater Bangalore Municipal Corporation) और बंगलौर विकास प्राधिकरण ने फ्लाईओवर की एक श्रृंखला की योजना बनाई है और यह मुख्य मार्ग संकेत मुक्त बनाने के लिए उपमार्ग भी बनाये गये हैं।
 
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बोम्मनहल्ली और 'इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी' के बीच एक 10 किलोमीटर लंबे टोल राजमार्ग का निर्माण किया है। इस टोल राजमार्ग के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के लिए यात्रा बहुत कम समय में हो जाती है और मार्ग बहु ही सरल कर दिया गया है। बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (Greater Bangalore Municipal Corporation) और बंगलौर विकास प्राधिकरण ने फ्लाईओवर की एक श्रृंखला की योजना बनाई है और यह मुख्य मार्ग संकेत मुक्त बनाने के लिए उपमार्ग भी बनाये गये हैं।

14:38, 16 नवम्बर 2013 का अवतरण

राष्ट्रीय राजमार्ग 7
राष्ट्रीय राजमार्ग 7
लम्बाई 2369 किमी
राज्य उत्तर प्रदेश (128), मध्य प्रदेश (504), महाराष्ट्र (232), आन्ध्र प्रदेश (753), कर्नाटक (125), तमिलनाडु (627)
कहाँ से वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
कहाँ तक कन्याकुमारी (तमिलनाडु)
मुख्य जंक्शन मंगावन, रीवा, जबलपुर, ख्नादों, नागपुर, हैदराबाद, कुरनूल, बैंगलोर, कृष्णागिरि, सलेम, डिंडीगुल, मदुरई, तिरुनावली
गूगल मानचित्र राष्ट्रीय राजमार्ग 7
संबंधित लेख एक्सप्रेस वे, राष्ट्रीय राजमार्ग, भारतीय सड़क नेटवर्क, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची
अन्य जानकारी यह भारत में सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। राजमार्ग संख्या के हाल ही के सुव्यवस्थीकरण के अनुसार यह एनएच 44 के रूप में जाना जाता है।

राष्ट्रीय राजमार्ग 7 (अंग्रेज़ी: National Highway 7 अथवा NH7) की कुल लंबाई 2369 किमी है। यह भारत का सबसे बड़ा राजमार्ग है, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर को भारत के दक्षिणी कोने, तमिलनाडु के कन्याकुमारी शहर के साथ जोड़ता है। यह वाराणसी, रीवा, जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, कुरनूल, बैंगलोर, कृष्णागिरि, सलेम, डिंडीगुल, मदुरई, तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी आदि प्रमुख नगरों को जोड़ता है।

स्वर्णिम परियोजना

भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 या एनएच 44 (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग 7), प्रमुख उत्तर दक्षिण राष्ट्रीय राजमार्ग है जो कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों के मध्य से होकर गुजरता है। एनएच 44 केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा बनाया गया था और उसकी देखरेख भी वही करता है। यह राजमार्ग वाराणसी के हैदराबाद गेट से प्रारम्भ होता है। यह राजमार्ग कई महत्वपूर्ण भारतीय शहरों को जोड़ता है जैसे वाराणसी, रीवा, जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, कुरनूल, बंगलौर, कृष्णागिरि, धर्मपुरी, सेलम, नामक्कल, वेल्लूर, करूर, डिंडीगुल, मदुरै, विरुधुनगर, तिरुनेलवेली आदि। राष्ट्रीय राजमार्ग 44 का एक प्रमुख हिस्सा एनएचडीपी के उत्तर दक्षिण कॉरिडोर को शामिल किया गया है। आधिकारिक रूप से यह वाराणसी से कन्याकुमारी तक 2,369 किलोमीटर (1,472 मील) चल रहा है। यह भारत में सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। राजमार्ग संख्या के हाल ही के सुव्यवस्थीकरण के अनुसार यह एनएच 44 के रूप में जाना जाता है।

बैंगलूर होसुर रोड

बैंगलूर होसुर रोड राष्ट्रीय राजमार्ग 44 का हिस्सा है जो कर्नाटक की राजधानी बंगलौर शहर को और तमिलनाडु के सीमावर्ती शहर कृष्णागिरी ज़िले के होसुर से जोड़ता है। यह चार से आठ लेन का राजमार्ग है जिसके दोनों तरफ़ व्यस्त भाग में सेवा गलियों हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा होने के अतिरिक्त यह सड़क इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ कई औद्योगिक और आईटी व्यावसायिक घराने भी स्थित हैं। प्रसिद्ध आईटी औद्योगिक पार्क 'इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी' भी होसुर रोड पर ही स्थित है।

टोल राजमार्ग

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बोम्मनहल्ली और 'इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी' के बीच एक 10 किलोमीटर लंबे टोल राजमार्ग का निर्माण किया है। इस टोल राजमार्ग के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के लिए यात्रा बहुत कम समय में हो जाती है और मार्ग बहु ही सरल कर दिया गया है। बृहत बेंगलुरू महानगर पालिका (Greater Bangalore Municipal Corporation) और बंगलौर विकास प्राधिकरण ने फ्लाईओवर की एक श्रृंखला की योजना बनाई है और यह मुख्य मार्ग संकेत मुक्त बनाने के लिए उपमार्ग भी बनाये गये हैं।

राज्यों का यात्रा मार्ग

इस राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई उत्तर प्रदेश में 128 किलोमीटर, मध्य प्रदेश में 504 किलोमीटर, महाराष्ट्र में 232 किलोमीटर, आंध्र प्रदेश में 754 किलोमीटर, कर्नाटक में 125 किलोमीटर, तमिलनाडु में 627 किलोमीटर है। इसमें आने वाले प्रमुख नगर वाराणसी, रीवा, जबलपुर, नागपुर, हैदराबाद, कुरनूल, अनंतपुर, बंगलौर, कृष्णागिरि, धर्मपुरी, सलेम, नमक्कल, वेल्लूर, करूर, डिंडीगुल, मदुरै, विरुधुनगर, कोविलपट्टी, तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी हैं।


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