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*दुर्भाग्य से उन्हें अपने योगदान के अनुरूप ख्याति नहीं मिल पाई। उन्होंने ढाका और [[कलकत्ता]] में उच्च शिक्षा प्राप्त की। | *दुर्भाग्य से उन्हें अपने योगदान के अनुरूप ख्याति नहीं मिल पाई। उन्होंने ढाका और [[कलकत्ता]] में उच्च शिक्षा प्राप्त की। | ||
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*इस संगठन की उन्होंने 'दीपाली स्कूल', 'नारी शिक्षा मन्दिर', 'शिक्षा भवन' एवं 'शिक्षा निकेतन' आदि नाम से कई शाखाएँ खोलीं। बाद में [[अंग्रेज|अंग्रेजों]] की गुप्तचर रिपोर्ट के अनुसार ऊपर से सीधी- सादी दिखने वाली इन संस्थाओं में लड़कियों को क्रांति की शिक्षा और पशिक्षण दिया जाता था। | *इस संगठन की उन्होंने 'दीपाली स्कूल', 'नारी शिक्षा मन्दिर', 'शिक्षा भवन' एवं 'शिक्षा निकेतन' आदि नाम से कई शाखाएँ खोलीं। बाद में [[अंग्रेज|अंग्रेजों]] की गुप्तचर रिपोर्ट के अनुसार ऊपर से सीधी- सादी दिखने वाली इन संस्थाओं में लड़कियों को क्रांति की शिक्षा और पशिक्षण दिया जाता था। | ||
*प्रथम महिला शहीद प्रीतिलता वड्डेदार को इन्हीं संस्थाओं में दीक्षा मिली थी। | *प्रथम महिला शहीद प्रीतिलता वड्डेदार को इन्हीं संस्थाओं में दीक्षा मिली थी। | ||
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*1937 ई. में जेल से रिहा होने के बाद लीला राष्ट्रवादी आन्दोलन में शामिल हो गई। | *1937 ई. में जेल से रिहा होने के बाद लीला राष्ट्रवादी आन्दोलन में शामिल हो गई। | ||
*जब नेताजी [[सुभाष चन्द्र बोस]] कांग्रेस से निष्कासित किए गए तब लीला नाग ने उनका बराबर साथ दिया और मरते दम तक उनके साथ रहीं। | *जब नेताजी [[सुभाष चन्द्र बोस]] कांग्रेस से निष्कासित किए गए तब लीला नाग ने उनका बराबर साथ दिया और मरते दम तक उनके साथ रहीं। | ||
− | *उन्होंने राष्ट्रवादी पत्रिका 'जयश्री' भी निकाली थी। 1940 ई. में अल्पायु में ही उनका देहांत हो गया। | + | *उन्होंने राष्ट्रवादी पत्रिका 'जयश्री' भी निकाली थी। |
+ | *1940 ई. में अल्पायु में ही उनका देहांत हो गया। | ||
05:48, 6 अक्टूबर 2011 का अवतरण
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- लीला नाग का जन्म ढाका के प्रतिष्ठित परिवार में 1912 ई. में हुआ।
- लीला नाग (बाद में लीला राय) का भारत की महिला क्रांतिकारियों में विशिष्ट स्थान है।
- दुर्भाग्य से उन्हें अपने योगदान के अनुरूप ख्याति नहीं मिल पाई। उन्होंने ढाका और कलकत्ता में उच्च शिक्षा प्राप्त की।
- ढाका में शिक्षा प्राप्त करते हुए वे 'मुक्ति संघ' के सम्पर्क में आई एवं लड़कियों को शिक्षित करने के लिए 'दीपाली संघ' नामक एक संगठन बनाया।
- इस संगठन की उन्होंने 'दीपाली स्कूल', 'नारी शिक्षा मन्दिर', 'शिक्षा भवन' एवं 'शिक्षा निकेतन' आदि नाम से कई शाखाएँ खोलीं। बाद में अंग्रेजों की गुप्तचर रिपोर्ट के अनुसार ऊपर से सीधी- सादी दिखने वाली इन संस्थाओं में लड़कियों को क्रांति की शिक्षा और पशिक्षण दिया जाता था।
- प्रथम महिला शहीद प्रीतिलता वड्डेदार को इन्हीं संस्थाओं में दीक्षा मिली थी।
- पुलिस की निगाहों से बचकर लीला 'मुक्ति संघ' और बाद में 'श्री संघ' के माध्यम से अपनी गुप्त गतिविधियों का संचालन करती रहीं।
- ढाका के पुलिस महानिरीक्षण लोमैन की रहस्यमय हत्या के पीछे लीला व उसके पति अनिल राय की ही गुप्त योजना थी।
- अंतत: एक दिन दोनों पति-पत्नी गिरफतार कर लिए गए।
- 1937 ई. में जेल से रिहा होने के बाद लीला राष्ट्रवादी आन्दोलन में शामिल हो गई।
- जब नेताजी सुभाष चन्द्र बोस कांग्रेस से निष्कासित किए गए तब लीला नाग ने उनका बराबर साथ दिया और मरते दम तक उनके साथ रहीं।
- उन्होंने राष्ट्रवादी पत्रिका 'जयश्री' भी निकाली थी।
- 1940 ई. में अल्पायु में ही उनका देहांत हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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