वर्मती

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वर्मती नामक प्राचीन स्थान का उल्लेख पाणिनी की 'अष्टाध्यायी'[1] में हुआ है। यह स्थान वर्तमान बामियान (अफ़ग़ानिस्तान) है।[2]

  • यहाँ के घोड़ों को 'वार्मतेय' कहा जाता था।
  • चीनी यात्री युवानच्वांग ने भी अपने यात्रा वर्णनों में 'बातियान' (बामियान) के विहारों आदि का वर्णन किया है।
  • वर्मती मध्य युग से पूर्व बौद्ध विद्वानों तथा विहारों के लिये प्रसिद्ध था।
  • बामियान के बौद्ध विहारों पर भित्तिचित्र आदि बनाये गये थे।


इन्हें भी देखें: बामियान


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अष्टाध्यायी 4,3,94
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 836 |

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