वारण

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

वारण नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख महाभारत, उद्योगपर्व[1] में हुआ है। उद्योगपर्व में इस स्थान का उल्लेख इस प्रकार है-

'वारणं वाटधानं च यामनुश्चैव पर्वत:, एष देश: सुविस्तीर्ण: प्रभूतधनधान्य वान्।'

  • उपरोक्त पंक्ति में दुर्योधन के सहायतार्थ आने वाली असंख्य सेनाओं के ठहरने के लिए जो स्थान नियत किए गए थे, उनका वर्णन है।
  • जान पड़ता है कि वारण महाभारत में अन्यत्र उल्लिखित 'वारणावत' ही है।
  • वारणावत का अभिज्ञान 'बरनावा' (ज़िला मेरठ, उत्तर प्रदेश) से किया गया है।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. उद्योगपर्व 29, 31
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 843 |

संबंधित लेख