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*[[विक्रमशिला विश्‍वविद्यालय]] बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा का प्रमुख केन्द्र था। यहाँ न्याय, तत्वज्ञान एवं व्याकरण की शिक्षा दी जाती थी।  
 
*[[विक्रमशिला विश्‍वविद्यालय]] बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा का प्रमुख केन्द्र था। यहाँ न्याय, तत्वज्ञान एवं व्याकरण की शिक्षा दी जाती थी।  
 
*ग्यारहवीं सदी में [[पाल वंश|पाल]] शासक धर्मपाल ने विक्रमशिला महाविहार का निमार्ण कराया था। विक्रमशिला महाविहार की विश्व प्रसिद्ध चर्चा से उत्साहित [[तिब्बत]] के सम्राट ने यहाँ के प्रसिद्ध विद्वान 'दीपांकर श्रीज्ञान अतीश' को आमंत्रित किया था। उन्होंने तिब्बत से बौद्ध भिक्षुओं को [[चीन]], [[जापान]], मलेशिया, थाइलैंड से लेकर [[अफ़ग़ानिस्तान]] तक भेजकर बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार किया।  
 
*ग्यारहवीं सदी में [[पाल वंश|पाल]] शासक धर्मपाल ने विक्रमशिला महाविहार का निमार्ण कराया था। विक्रमशिला महाविहार की विश्व प्रसिद्ध चर्चा से उत्साहित [[तिब्बत]] के सम्राट ने यहाँ के प्रसिद्ध विद्वान 'दीपांकर श्रीज्ञान अतीश' को आमंत्रित किया था। उन्होंने तिब्बत से बौद्ध भिक्षुओं को [[चीन]], [[जापान]], मलेशिया, थाइलैंड से लेकर [[अफ़ग़ानिस्तान]] तक भेजकर बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार किया।  
*विक्रमशिला के बारे में सबसे पहले राहुल सांस्कृत्यायन ने सुल्तानगंज के क़रीब होने का अंदेशा प्रकट किया था। उसका मुख्य कारण था कि अंग्रेजों के जमाने में सुल्तानगंज के निकट एक गांव में [[बुद्ध]] की प्रतिमा मिली थी। बावजूद उसके अंग्रेजों ने विक्रमशिला के बारे में पता लगाने का प्रयास नहीं किया। इसके चलते विक्रमशिला की खुदाई पुरातत्व विभाग द्वारा 1986 के आसपास शुरू हुआ।<ref>{{cite web |url=http://bhagalpurmycity.blogspot.com/2010/03/blog-post_12.html|accessmonthday=[[14 अगस्त]]|accessyear=[[2010]] |last=|first= |authorlink=|title=विक्रमशिला विश्वविद्यालय को लेकर सरकार गंभीर पहल नहीं कर रही|format=एच टी एम एल |publisher=bhagalpurmycity.blogspot.com|language=हिंदी}}</ref>
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*विक्रमशिला के बारे में सबसे पहले राहुल सांस्कृत्यायन ने सुल्तानगंज के क़रीब होने का अंदेशा प्रकट किया था। उसका मुख्य कारण था कि अंग्रेजों के जमाने में सुल्तानगंज के निकट एक गांव में [[बुद्ध]] की प्रतिमा मिली थी। बावजूद उसके अंग्रेजों ने विक्रमशिला के बारे में पता लगाने का प्रयास नहीं किया। इसके चलते विक्रमशिला की खुदाई पुरातत्व विभाग द्वारा 1986 के आसपास शुरू हुआ।<ref>{{cite web |url=http://bhagalpurmycity.blogspot.com/2010/03/blog-post_12.html|accessmonthday=[[14 अगस्त]]|accessyear=[[2010]] |last=|first= |authorlink=|title=विक्रमशिला विश्वविद्यालय को लेकर सरकार गंभीर पहल नहीं कर रही|format=एच.टी.एम.एल |publisher=bhagalpurmycity.blogspot.com|language=हिंदी}}</ref>
 
*[[बख़्तियार ख़िलजी]] ने 1202-1203 ई. में विक्रमशिला महाविहार को नष्ट कर दिया था। यहाँ के विशाल पुस्तकालय को आग के हवाले कर दिया था, उस समय यहाँ पर 160 विहार थे जहां विद्यार्थी अध्ययनरत
 
*[[बख़्तियार ख़िलजी]] ने 1202-1203 ई. में विक्रमशिला महाविहार को नष्ट कर दिया था। यहाँ के विशाल पुस्तकालय को आग के हवाले कर दिया था, उस समय यहाँ पर 160 विहार थे जहां विद्यार्थी अध्ययनरत
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
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[[Category:बिहार]]
 
[[Category:बिहार]]

09:54, 16 नवम्बर 2010 का अवतरण

  • प्राचीन भारत की एक नगरी जिसमें बहुत बड़ा बौद्ध विद्यालय था। बिहार राज्य के भागलपुर ज़िले में गंगा तट पर विक्रमशिला स्थित है। यहाँ बौद्ध महाविहार निर्मित था जो समकालीन विश्व में बौद्ध वज्रयान मत का प्रमुख केन्द्र था।
  • विक्रमशिला विश्‍वविद्यालय बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा का प्रमुख केन्द्र था। यहाँ न्याय, तत्वज्ञान एवं व्याकरण की शिक्षा दी जाती थी।
  • ग्यारहवीं सदी में पाल शासक धर्मपाल ने विक्रमशिला महाविहार का निमार्ण कराया था। विक्रमशिला महाविहार की विश्व प्रसिद्ध चर्चा से उत्साहित तिब्बत के सम्राट ने यहाँ के प्रसिद्ध विद्वान 'दीपांकर श्रीज्ञान अतीश' को आमंत्रित किया था। उन्होंने तिब्बत से बौद्ध भिक्षुओं को चीन, जापान, मलेशिया, थाइलैंड से लेकर अफ़ग़ानिस्तान तक भेजकर बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार किया।
  • विक्रमशिला के बारे में सबसे पहले राहुल सांस्कृत्यायन ने सुल्तानगंज के क़रीब होने का अंदेशा प्रकट किया था। उसका मुख्य कारण था कि अंग्रेजों के जमाने में सुल्तानगंज के निकट एक गांव में बुद्ध की प्रतिमा मिली थी। बावजूद उसके अंग्रेजों ने विक्रमशिला के बारे में पता लगाने का प्रयास नहीं किया। इसके चलते विक्रमशिला की खुदाई पुरातत्व विभाग द्वारा 1986 के आसपास शुरू हुआ।[1]
  • बख़्तियार ख़िलजी ने 1202-1203 ई. में विक्रमशिला महाविहार को नष्ट कर दिया था। यहाँ के विशाल पुस्तकालय को आग के हवाले कर दिया था, उस समय यहाँ पर 160 विहार थे जहां विद्यार्थी अध्ययनरत

थे।[2]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विक्रमशिला विश्वविद्यालय को लेकर सरकार गंभीर पहल नहीं कर रही (हिंदी) (एच.टी.एम.एल) bhagalpurmycity.blogspot.com। अभिगमन तिथि: 14 अगस्त, 2010
  2. बिहार : प्रमुख ऎतिहासिक स्थल (हिंदी) (एच.टी.एम.एल) kaverinews.com। अभिगमन तिथि: 14 अगस्त, 2010

बाहरी कड़ियाँ

संग्रहालय-विक्रमशिला (हिंदी) (एच.टी.एम.एल)। । अभिगमन तिथि: 14 अगस्त, 2010

भागलपुर:एक परिचय (हिंदी) (एच.टी.एम.एल)। । अभिगमन तिथि: 14 अगस्त, 2010