"वीणा" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो
 
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
+
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=वीणा|लेख का नाम=वीणा (बहुविकल्पी)}}
 
[[चित्र:Veena.jpg|thumb|250px|वीणा<br />Veena]]
 
[[चित्र:Veena.jpg|thumb|250px|वीणा<br />Veena]]
*वीणा एक ऐसा वाद्य यंत्र है जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत में किया जाता है। वीणा एक [[तत वाद्य]] है।
+
'''वीणा''' एक ऐसा [[वाद्य यंत्र]] है जिसका प्रयोग [[शास्त्रीय संगीत]] में किया जाता है। वीणा एक [[तत वाद्य]] है।
*प्राचीन ग्रन्थों में गायन के साथ वीणा की संगति का उल्लेख मिलता है।
+
*प्राचीन [[ग्रन्थ|ग्रन्थों]] में गायन के साथ वीणा की संगति का उल्लेख मिलता है।
 
*वीणा का प्राचीनतम रूप एक-तन्त्री वीणा है।
 
*वीणा का प्राचीनतम रूप एक-तन्त्री वीणा है।
 
*वीणा वस्तुत: तंत्री वाद्यों का सँरचनात्मक नाम है। तंत्री या तारों के अलावा इसमें घुड़च, तरब के तार तथा सारिकाएँ होती हैं।
 
*वीणा वस्तुत: तंत्री वाद्यों का सँरचनात्मक नाम है। तंत्री या तारों के अलावा इसमें घुड़च, तरब के तार तथा सारिकाएँ होती हैं।
 
*प्राचीन काल में [[भारत]] के वाद्यों में वीणा मुख्य थी। इसका उल्लेख प्राचीन [[संस्कृत]] ग्रन्थों में भी उपलब्ध होता है।  
 
*प्राचीन काल में [[भारत]] के वाद्यों में वीणा मुख्य थी। इसका उल्लेख प्राचीन [[संस्कृत]] ग्रन्थों में भी उपलब्ध होता है।  
 
*[[सरस्वती]] और [[नारद]] का वीणा वादन तो प्रसिद्ध है।   
 
*[[सरस्वती]] और [[नारद]] का वीणा वादन तो प्रसिद्ध है।   
*यह मान्यता है की मध्यकाल में [[अमीर खुसरो]] दहलवी ने [[सितार]] की रचना वीणा और बैंजो<ref>(जो इस्लामी सभ्यताओं में लोकप्रिय था)</ref> को मिलाकर किया, कुछ इसे गिटार का भी रूप बताते हैं।
+
*यह मान्यता है की मध्यकाल में [[अमीर खुसरो]] दहलवी ने [[सितार]] की रचना वीणा और बैंजो<ref>जो इस्लामी सभ्यताओं में लोकप्रिय था</ref> को मिलाकर किया, कुछ इसे [[गिटार]] का भी रूप बताते हैं।
 
*वीणा में 4 तार होते हैं और तारों की लंबाई में किसी प्रकार का विभाजन नहीं होता।  
 
*वीणा में 4 तार होते हैं और तारों की लंबाई में किसी प्रकार का विभाजन नहीं होता।  
 
*वीणा में तारों की कंपन एक गोलाकार घड़े से तीव्रतर होती है तथा कई आवृति की [[ध्वनि|ध्वनियों]] के मिलने से '''लयबद्ध''' ध्वनि का जनन होता है।
 
*वीणा में तारों की कंपन एक गोलाकार घड़े से तीव्रतर होती है तथा कई आवृति की [[ध्वनि|ध्वनियों]] के मिलने से '''लयबद्ध''' ध्वनि का जनन होता है।
 
*वीणा के कई प्रकार विकसित हुए हैं। जैसे
 
*वीणा के कई प्रकार विकसित हुए हैं। जैसे
#रुद्रवीणा
+
#[[रुद्रवीणा]]
 
#[[विचित्र वीणा]]  
 
#[[विचित्र वीणा]]  
 
   
 
   
{{प्रचार}}
 
 
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
+
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
पंक्ति 24: पंक्ति 23:
 
[[Category:संगीत कोश]]
 
[[Category:संगीत कोश]]
 
[[Category:कला कोश]]
 
[[Category:कला कोश]]
[[Category:नया पन्ना]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__

11:25, 4 दिसम्बर 2012 के समय का अवतरण

Disamb2.jpg वीणा एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- वीणा (बहुविकल्पी)
वीणा
Veena

वीणा एक ऐसा वाद्य यंत्र है जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत में किया जाता है। वीणा एक तत वाद्य है।

  • प्राचीन ग्रन्थों में गायन के साथ वीणा की संगति का उल्लेख मिलता है।
  • वीणा का प्राचीनतम रूप एक-तन्त्री वीणा है।
  • वीणा वस्तुत: तंत्री वाद्यों का सँरचनात्मक नाम है। तंत्री या तारों के अलावा इसमें घुड़च, तरब के तार तथा सारिकाएँ होती हैं।
  • प्राचीन काल में भारत के वाद्यों में वीणा मुख्य थी। इसका उल्लेख प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों में भी उपलब्ध होता है।
  • सरस्वती और नारद का वीणा वादन तो प्रसिद्ध है।
  • यह मान्यता है की मध्यकाल में अमीर खुसरो दहलवी ने सितार की रचना वीणा और बैंजो[1] को मिलाकर किया, कुछ इसे गिटार का भी रूप बताते हैं।
  • वीणा में 4 तार होते हैं और तारों की लंबाई में किसी प्रकार का विभाजन नहीं होता।
  • वीणा में तारों की कंपन एक गोलाकार घड़े से तीव्रतर होती है तथा कई आवृति की ध्वनियों के मिलने से लयबद्ध ध्वनि का जनन होता है।
  • वीणा के कई प्रकार विकसित हुए हैं। जैसे
  1. रुद्रवीणा
  2. विचित्र वीणा


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जो इस्लामी सभ्यताओं में लोकप्रिय था

संबंधित लेख