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*शालिमार बाग़ [[जम्मू और कश्मीर]] राज्य के [[श्रीनगर]] शहर में स्थित है।  
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*शालिमार बाग़ को [[जहाँगीर]] ने अपनी मलिका [[नूरजहाँ]] के लिये सन् 1616 में बनवाया था।
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*मखमली [[हरा रंग|हरी]]-भरी क्यारियों, गलियारों, सुन्दर द‍ृश्यों के लिये प्रसिद्ध यह एक अत्यन्त रमणीक स्थान है।
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*शालिमार बाग़ में पहले केवल [[डल झील श्रीनगर|डल झील]] के जल-मार्ग से ही आया जा सकता था किन्तु अब यहाँ आने के लिये सड़क भी उपलब्ध है।  
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'''शालीमार बाग़''' [[जम्मू और कश्मीर]] के [[श्रीनगर]] से 15 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह बाग़ शहर के सभी मुग़ल बाग़ों में सबसे लोकप्रिय है। 'शालीमार' शब्‍द का अर्थ होता है - 'प्रेम का वास'। इस गार्डन को शालीमार बाग़, फ़ैज बख़्श, गार्डन ऑफ़ चार मीनार और फ़राह बख़्श के नाम से भी जाना जाता है। मखमली [[हरा रंग|हरी]]-भरी क्यारियों, गलियारों, सुन्दर द‍ृश्यों के लिये प्रसिद्ध यह एक अत्यन्त रमणीक स्थान है।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==संबंधित लेख==
 
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शालीमार बाग़ श्रीनगर
शालीमार बाग़, श्रीनगर
विवरण 'शालीमार बाग़' जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। 'शालीमार' शब्‍द का अर्थ होता है - 'प्रेम का वास'।
राज्य जम्मू-कश्मीर
ज़िला श्रीनगर
निर्माण काल 1619 ई. (मध्य काल)
निर्माणकर्ता जहाँगीर
अन्य जानकारी शालीमार बाग़ को 'फ़ैज बख़्श', 'गार्डन ऑफ़ चार मीनार' और 'फ़राह बख़्श' के नाम से भी जाना जाता है। बाग़ के बीचोबीच शानदार चिकने पत्थरों से बनी एक नहर बहती है, जिसकी शोभा देखने लायक़ है।

शालीमार बाग़ जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर से 15 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह बाग़ शहर के सभी मुग़ल बाग़ों में सबसे लोकप्रिय है। 'शालीमार' शब्‍द का अर्थ होता है - 'प्रेम का वास'। इस गार्डन को शालीमार बाग़, फ़ैज बख़्श, गार्डन ऑफ़ चार मीनार और फ़राह बख़्श के नाम से भी जाना जाता है। मखमली हरी-भरी क्यारियों, गलियारों, सुन्दर द‍ृश्यों के लिये प्रसिद्ध यह एक अत्यन्त रमणीक स्थान है।

  • इस बाग़ को मुग़ल बादशाह जहाँगीर ने अपनी बेगम नूरजहाँ के लिए 1619 ई. में बनवाया था।
  • बाग़ को विभिन्‍न प्रायोजनों के लिए तीन सीढ़ीदार वर्गों में विभाजित किया गया है। बाहरी बगीचा 'दीवान-ए-आम', बाग़ का बीच वाला हिस्‍सा 'दीवान-ए-खास' या 'सम्राट का बाग़' और सबसे ऊपर वाले बाग़ के हिस्‍से को शाही महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था। बाग़ के इस हिस्से का प्रयोग केवल शाही ख़ानदान की औरतें ही कर सकती थीं, किसी अन्य का प्रवेश वहाँ वर्जित था।
  • शालीमार बाग़ में पहले केवल डल झील के जल-मार्ग से ही आया जा सकता था, किन्तु अब यहाँ आने के लिये सड़क भी उपलब्ध है।
  • बाग़ के बीचोबीच शानदार चिकने पत्थरों से बनी एक नहर बहती है, जिसकी शोभा देखने लायक़ है।
  • इस बाग़ की डिजायन, चाहार बाग़ ऑफ़ पेरसिया पर आधारित है। बाग़ को यहाँ की चीनी खनास या आर्चड नीचेस के लिए जाना जाता है, जो बाग़ के पिछले हिस्‍से में वॉटर फॉल्‍स में बनी हुई है।
  • यहाँ रात के दौरान तेल के दीपक से रोशनी की जाती है। इस प्रकाश का झरने पर स्‍पेशल इफेक्‍ट पड़ता है, जिससे झरना जादुई-सा प्रतीत होता है।
  • इन नीचेस में फूलों के गमले लगे हुए हैं, जिनका रिफ़्लेक्शन पानी में पड़ता है, जिससे पानी कई रंगों और रूप में चमक उठता है।
  • शालीमार बाग़ लगभग 31 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है, जो चारों तरफ से चिनार के पेड़ों से घिरा हुआ है।[1]


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वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. शालीमार गार्डन, श्रीनगर (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 16 जून, 2014।

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