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*यह चन्द्रमा की छठी कला है और इसका अमृत वासव ([[इन्द्र]]) पीते हैं।
 
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12:17, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण

  • सूर्य से चन्द्र का अन्तर जब तक 61° से 72° तक होता है, तब तक शुक्ल पक्ष की षष्टी तथा 241° से 252° की समाप्ति तक कृष्ण षष्टी रहती है।
  • यह ‘छट्ठी, छठी तथा छट’ भी कहलाती है।
  • इसके स्वामी स्कन्द (कार्तिकेय) हैं।
  • इसका विशेष नाम ‘कीर्ति’ हैं।
  • षष्टी रविवार एवं मंगलवार के दिन मृत्युदा और शुक्रवार के दिन सिद्धिदा होती है।
  • माघ कृष्ण पक्ष में यह तिथि शून्य होती है।
  • षष्टी तिथि की सामान्य संज्ञा ‘नन्दा’ है।
  • षष्टी तिथि की दिशा पश्चिम है।
  • कृष्ण पक्ष की षष्टी को शिवपूजनादि अशुभ तथा शुक्ल पक्ष षष्टी को शुभ होता है।
  • यह चन्द्रमा की छठी कला है और इसका अमृत वासव (इन्द्र) पीते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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