सत्य साईं बाबा

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  • सत्य साईं बाबा देश के बेहद प्रभावशाली अध्यात्म गुरुओ में से एक थे। आज दुनिया जिन्हें सत्य साई बाबा के नाम से जानती है उनके बचपन का नाम आर. सत्यनारायण राजू था। सत्य साईं का जन्म आन्ध्र प्रदेश के पुट्टपार्थी गांव में 23 नवंबर 1926 को हुआ था। वो बचपन से ही बड़े अक्लमंद और दयालु थे। संगीत, नृत्य, गाना, लिखना इन सबमें काफी अच्छे थे। ऐसा कहा जाता है कि वो बचपन में ही हवा से मिठाई और खाने पीने की दूसरी चीजें पैदा कर देते थे।
  • जब वह मात्र 14 वर्ष के थे तब उन्हे बिच्छू ने काट लिया। उसके बाद उनका व्यवहार ही बदल गया। वह हंसते-हंसते अचानक रोने लगते। कभी-कभी सस्कृत के श्लोक बोलने लगते। उनके पिता ने उन्हें कई संतों, डॉक्टरों और ओझाओं से दिखाया। डॉक्टरों ने सोचा उन्हें हिस्टीरिया हो गया है।
  • 23 मई 1940 को उनकी दिव्यता का लोगों को अहसास हुआ। सत्य साईं ने घर के सभी लोगों को बुलाया और चमत्कार दिखाने लगे। उनके पिता को लगा कि उनके बेटे पर किसी भूत का साया पड़ गया है। उन्होंने एक छड़ी ली और सत्यनारायण से पूछा कि कौन हो तुम ? सत्यनारायण ने कहा कि मैं साईं बाबा हूं। इस घटना के बाद उन्होंने अपने आप को शिरडी साईं बाबा का अवतार घोषित कर दिया। शिरडी साईं बाबा, सत्य साईं की पैदाइश से 8 साल पहले ही गुजर चुके थे। खुद को शिरडी साईं बाबा का अवतार घोषित करने के बाद सत्य साई बाबा के पास श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी।
  • सत्य साई बाबा अपने शिष्यों को यही समझाते रहे कि उन्हें अपना धर्म और अपना ईष्ट छोड़ने की जरूरत नहीं। उन्होंने मद्रास और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों की यात्रा की। उनके भक्तों की तादाद बढ़ गई। हर गुरुवार को उनके घर पर भजन होने लगा, जो बाद में रोजाना हो गया।
  • साल 1944 में सत्य साई के एक भक्त ने उनके गांव के नजदीक उनके लिए एक मंदिर बनाया जो आज पुराने मंदिर के नाम से जाना जाता है। उनके मौजूदा आश्रम प्रशांति निलयम का निर्माण कार्य 1948 में शुरू हुआ था और 1950 में ये बनकर तैयार हुआ था। 1957 में साईं बाबा उत्तर भारत के दौरे पर गये। 1963 में उन्हें कई बार दिल का दौरा पड़ा था, उससे वह उबर गए थे। ठीक होने पर उन्होंने एलान किया कि वो कर्नाटक प्रदेश में प्रेम साई बाबा के रूप में पुन: अवतरित होंगे।
  • 29 जून 1968 को उन्होंने अपनी पहली और एकमात्र विदेश यात्रा की। वो युगांडा गए। जहां नैरोबी में उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यहां आपके दिल में प्यार और सद्भाव का दीप जलाने आया हूं, मैं किसी धर्म के लिए नहीं आया, किसी को भक्त बनाने नहीं आया, मैं तो प्यार का संदेश फैलाने आया हूं।
  • श्री सत्य साईं बाबा का देहांत 24 अप्रैल 2011 की सुबह को हुआ था।
  • सत्य साई बाबा की प्रेरणा से ही स्थापित सत्य साई सेंट्रल ट्रस्ट के पास आज 40 हजार करोड़ रुपए की चल-अचल सपत्ति है। कुछ लोगों का मानना है कि यह संपत्ति 1.50 लाख करोड़ रुपए है।
  • साई बाबा द्वारा जो अनेक सस्थाएं स्थापित की गई है, उनकी देखभाल सत्य साई काट्रेक्टर ट्रस्ट द्वारा की जाती है। इस ट्रस्ट के माध्यम से पूरे विश्व के 186 देशों में करीब 1200 सस्थाएं चल रही है। इन सस्थाओं में डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, स्कूल, महिलाओं के कल्याण के लिए काम करने वाली सस्थाएं और प्रकाशन सस्थान शामिल है। इन सस्थाओं की तरफ से पुट्टपर्थी और बेंगलूर में कई अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्रों का भी निर्माण किया गया है। अनेक शहरों में पानी की योजनाओं का सचालन भी यही सस्था कर रही है। बाबा जहां रहते थे, वहां सत्य साई यूनिवर्सिटी कांप्लेक्स, प्लेनेटोरियम, इडोर-आउटडोर स्टेडियम, एक अस्पताल, सगीत विद्यालय और एयरपोर्ट है।
  • पुट्टपार्थी में स्थित राजमहल जैसे प्रशाति निलय में बाबा निवास करते थे। पिछले वर्ष एक अनिवासी भारतीय की तरफ से सस्था को अस्पताल बनाने के लिए 300 करोड़ रुपए दिए गए थे। इसके बाद एक विदेशी भक्त द्वारा 200 करोड़ रुपए दान दिए गए। प्रशाति निलय में भक्तों के लिए भोजन और आवास की सुविधा निशुल्क है। सत्य साई सेंट्रल ट्रस्ट के अध्यक्ष सत्य साई बाबा स्वय थे। इस ट्रस्ट के कर्ताधर्ता सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी के. चक्रवर्ती है। वह 1980 में अनतपुर जिले के कलेक्टर थे। तब बाबा के सेवाभाव से प्रभावित होकर वह उनके संपर्क में आए। तब से वह बाबा के भक्त बन गए। मुंबई में रहने वाले चार्टर्ड एकाउटेट इदुलाल शाह भी साई सेंट्रल ट्रस्ट के ट्रस्टी है। देश के भूतपूर्व चीफ जस्टिस पीएन भगवती और केंद्र के भूतपूर्व चीफ विजिलेंस कमिश्नर एमवी गिरि भी ट्रस्टी है। इस सस्था में सत्य साई बाबा का एक ही सबधी ट्रस्टी है, वह है उनके छोटे भाई जानकीरमैया का पुत्र आरजे रत्नाकर। बाबा के भतीजे आरजे रत्नाकर द्वारा एक टीवी चैनल साई दर्शन का सचालन किया जाता है। इसमें पूरे समय बाबा के सदेशों को दिखाया जाता है।
  • वर्ष 2010 सत्य साई यूनिवर्सिटी के दीक्षात समारोह में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल पहुंची थीं। तमिलनाड़ु के मुख्यमत्री करुणानिधि को लोग नास्तिक के रूप में जानते है, पर वह भी बाबा के भक्त है। बाबा के बारे में वह कहते है कि जो मनुष्यों की सेवा करते है, मेरे लिए वे ही भगवान है। बाबा के भक्तों में अटल बिहारी वाजपेयी, विलासराव देशमुख, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, रजनीकात, सुनील गावस्कर, क्लाइव लायड जैसी हस्तियां है। ये सभी समय-समय पर बाबा से भेंट करते रहते है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ