सदाकत आश्रम, पटना

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सदाकत आश्रम (अंग्रेज़ी: Sadaqat Ashram) पटना, बिहार में स्थित है। यह आश्रम हवाई अड्डे से लगभग 7 कि.मी. दूर गंगा नदी के तट पर, दीघा नाम के एक शांतिपूर्ण क्षेत्र में मुख्य सड़क के किनारे स्थित है।

  • भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने वर्ष 1962 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद यहीं निवास किया था। उनके जीवन के अंतिम दिन इसी आश्रम के शांत वातावरण में बीते थे। यहां आज उनकी स्मृति में 'राजेंद्र स्मृति संग्रहालय' नामक एक छोटा सा संग्रहालय है, जो उनके व्यक्तिगत सामानों के साथ-साथ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उपयोग की जाने वाली कई वस्तुओं को प्रदर्शित करता है। इसके अलावा इस संग्रहालय में कई भव्य पेंटिंग भी लगी हुई हैं।[1]
  • यह आश्रम वर्ष 1921 में महात्मा गांधी द्वारा स्थापित किया गया था।
  • आश्रम 20 एकड़ के हरे-भरे क्षेत्र में फैला हुआ है। कहा जाता है कि यह क्षेत्र खैरूण मियां द्वारा दान में दिया गया था। खैरूण मियां गांधीजी के निकट सहयोगी मौलाना मजहरुल के गहरे मित्र थे। खैरूण मियां ने इस जमीन का दान राष्ट्रीय आंदोलन को आगे बढ़ाने और स्वतंत्रता सेनानियों की कई महत्वपूर्ण बैठकें यहां आयोजित करने के लिए दिया था।
  • सदाकत आश्रम के परिसर में आज भी मौलाना मजहरुल हक पुस्तकालय है, जिसमें पुस्तकों के अच्छे संग्रह के साथ एक वाचनालय; अध्ययन कक्ष भी है। भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद भी ये सुविधाएं बरकरार हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सदाकत आश्रम (हिंदी) incredibleindia.org। अभिगमन तिथि: 05 मार्च, 2020।

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