"साँचा:विशेष आलेख" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
 
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
 
<div style="padding:3px">[[चित्र:Jain-Temple-Sravasti.jpg|right|botom|100px|प्राचीन जैन मंदिर के अवशेष|link=श्रावस्ती|border]]</div>
 
<div style="padding:3px">[[चित्र:Jain-Temple-Sravasti.jpg|right|botom|100px|प्राचीन जैन मंदिर के अवशेष|link=श्रावस्ती|border]]</div>
*'''[[श्रावस्ती]]''' न केवल [[बौद्ध]] और [[जैन धर्म|जैन धर्मों]] का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था अपितु यह ब्राह्मण धर्म एवं [[वेद]] विद्या का भी एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था।
+
*'''[[श्रावस्ती]]''' न केवल [[बौद्ध]] और [[जैन धर्म|जैन]] धर्मों का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था अपितु यह ब्राह्मण धर्म एवं [[वेद]] विद्या का भी एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था।
 
*[[बुद्ध]] के जीवन काल में श्रावस्ती [[कौशल महाजनपद|कोशल देश]] की राजधानी थी। एक बौद्ध [[ग्रन्थ]] के अनुसार वहाँ 57 हज़ार कुल रहते थे और कोसल-नरेशों की आमदनी सबसे ज़्यादा इसी नगर से हुआ करती थी।  
 
*[[बुद्ध]] के जीवन काल में श्रावस्ती [[कौशल महाजनपद|कोशल देश]] की राजधानी थी। एक बौद्ध [[ग्रन्थ]] के अनुसार वहाँ 57 हज़ार कुल रहते थे और कोसल-नरेशों की आमदनी सबसे ज़्यादा इसी नगर से हुआ करती थी।  
* [[बुद्ध|गौतम बुद्ध]] के समय में [[भारत|भारतवर्ष]] के 6 बड़े नगरों में श्रावस्ती की गणना हुआ करती थी। [[श्रावस्ती|... और पढ़ें]]
+
* गौतम बुद्ध के समय में [[भारत]] के 6 बड़े नगरों में श्रावस्ती की गणना हुआ करती थी। [[श्रावस्ती|... और पढ़ें]]
 
----
 
----
 
<center>
 
<center>

13:43, 21 अक्टूबर 2011 का अवतरण

विशेष आलेख
प्राचीन जैन मंदिर के अवशेष
  • श्रावस्ती न केवल बौद्ध और जैन धर्मों का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था अपितु यह ब्राह्मण धर्म एवं वेद विद्या का भी एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था।
  • बुद्ध के जीवन काल में श्रावस्ती कोशल देश की राजधानी थी। एक बौद्ध ग्रन्थ के अनुसार वहाँ 57 हज़ार कुल रहते थे और कोसल-नरेशों की आमदनी सबसे ज़्यादा इसी नगर से हुआ करती थी।
  • गौतम बुद्ध के समय में भारत के 6 बड़े नगरों में श्रावस्ती की गणना हुआ करती थी। ... और पढ़ें

पिछले विशेष आलेख श्राद्ध · रंग · वाराणसी · बाघ