सुत्तपिटक

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आशा चौधरी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:40, 5 सितम्बर 2010 का अवतरण (''सुत्त' का शाब्दिक अर्थ है- धर्मोपदेश। बुद्ध के धार...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

'सुत्त' का शाब्दिक अर्थ है- धर्मोपदेश। बुद्ध के धार्मिक विचारों व उपदेशों के संग्रह वाला गद्य-पद्य मिश्रित यह पिटक सम्भवतः त्रिपिटकों में सर्वाधिक बड़ा एवं श्रेष्ठ है। यह पिटक पांच निकायों में विभाजित है, जो इस प्रकार है-

  1. दीघनिकाय,
  2. मज्झिमनिकाय,
  3. संयुक्तनिकाय,
  4. अंगुत्तरनिकाय और
  5. खुद्दकनिकाय


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध