"हज़ारीबाग़ अभयारण्य" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('*पूर्वोत्तर भारत के दक्षिण-पश्चिमी झारखंड राज्य ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
*पूर्वोत्तर [[भारत]] के दक्षिण-पश्चिमी [[झारखंड]] राज्य में [[पटना[[-[[रांची]] मुख्य मार्ग पर [[हज़ारीबाग़]] नगर से 18 किमी दूर स्थित है।  
 
*पूर्वोत्तर [[भारत]] के दक्षिण-पश्चिमी [[झारखंड]] राज्य में [[पटना[[-[[रांची]] मुख्य मार्ग पर [[हज़ारीबाग़]] नगर से 18 किमी दूर स्थित है।  
*हज़ारीबाग़ अभयारण्य संरक्षित क्षेत्र है।  
+
*हज़ारीबाग़ अभयारण्य संरक्षित क्षेत्र है। हजारीबाग में पर्यटक वन्यजीव अभ्यारण्य की सैर कर सकते हैं।
*1955 में स्थापित यह अभयारण्य 186 वर्ग किमी में फैला हुआ है।  
+
*1955 में स्थापित यह अभयारण्य 186 वर्ग कि॰मी॰ में फैला हुआ है। यह बहुत विशाल और खूबसूरत है।
 +
*अपनी खूबसूरती के लिए इसे पूरे विश्व में जाना जाता है।
 +
*यहां पर पर्यटक विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधों और जीव-जन्तुओं को देख सकते हैं।
 
*इस अभयारण्य में साल (शोरिया रोबस्टा) के घने जंगल से ढकी पहाड़ियां हैं, जिनमें [[बाघ]], तेंदुआ, रीछ, काला भालू, हिरन, जंगली सूअर, लकड़बग्घा, [[मोर]], लाल जंगली मुर्ग़ी और हरे कबूतर रहते हैं।  
 
*इस अभयारण्य में साल (शोरिया रोबस्टा) के घने जंगल से ढकी पहाड़ियां हैं, जिनमें [[बाघ]], तेंदुआ, रीछ, काला भालू, हिरन, जंगली सूअर, लकड़बग्घा, [[मोर]], लाल जंगली मुर्ग़ी और हरे कबूतर रहते हैं।  
 
*इस अभयारण्य को पक्की सड़कें से जुड़ी दर्शक - मीनारों से देखा जा सकता है।  
 
*इस अभयारण्य को पक्की सड़कें से जुड़ी दर्शक - मीनारों से देखा जा सकता है।  
 
*यहां कई लवण लेविकाओं का निर्माण भी किया गया है।
 
*यहां कई लवण लेविकाओं का निर्माण भी किया गया है।
 
+
*यहां घूमने के लिए अप्रैल-जुलाई का समय आदर्श है क्योंकि इस समय इसकी हरियाली कई गुना बढ़ जाती है।
  
  

06:13, 2 जून 2010 का अवतरण

  • पूर्वोत्तर भारत के दक्षिण-पश्चिमी झारखंड राज्य में [[पटना[[-रांची मुख्य मार्ग पर हज़ारीबाग़ नगर से 18 किमी दूर स्थित है।
  • हज़ारीबाग़ अभयारण्य संरक्षित क्षेत्र है। हजारीबाग में पर्यटक वन्यजीव अभ्यारण्य की सैर कर सकते हैं।
  • 1955 में स्थापित यह अभयारण्य 186 वर्ग कि॰मी॰ में फैला हुआ है। यह बहुत विशाल और खूबसूरत है।
  • अपनी खूबसूरती के लिए इसे पूरे विश्व में जाना जाता है।
  • यहां पर पर्यटक विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधों और जीव-जन्तुओं को देख सकते हैं।
  • इस अभयारण्य में साल (शोरिया रोबस्टा) के घने जंगल से ढकी पहाड़ियां हैं, जिनमें बाघ, तेंदुआ, रीछ, काला भालू, हिरन, जंगली सूअर, लकड़बग्घा, मोर, लाल जंगली मुर्ग़ी और हरे कबूतर रहते हैं।
  • इस अभयारण्य को पक्की सड़कें से जुड़ी दर्शक - मीनारों से देखा जा सकता है।
  • यहां कई लवण लेविकाओं का निर्माण भी किया गया है।
  • यहां घूमने के लिए अप्रैल-जुलाई का समय आदर्श है क्योंकि इस समय इसकी हरियाली कई गुना बढ़ जाती है।