एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"हजीरा" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "महत्वपूर्ण" to "महत्त्वपूर्ण")
छो (Text replacement - "पृथक " to "पृथक् ")
 
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
हजीरा स्‍थित भारी पानी संयंत्र, जिसे हजीरा अमोनिया विस्‍तार के रूप में भी जाना जाता है, में [[अमोनिया]]-[[हाइड्रोजन]] विनिमय एकल तापीय प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है। यह संयंत्र [[सूरत]] शहर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्‍थित है। देश की पूर्व [[प्रधानमंत्री]] [[इन्दिरा गांधी]] ने 5 फ़रवरी, 1982 को इस संयंत्र की नींव रखी थी। इस संयंत्र ने हजीरा में [[अगस्त]], [[1986]] में कार्य शुरू किया तथा यह संयंत्र [[जनवरी]], [[1991]] में कमीशन किया गया।<ref name="ab">{{cite web |url=http://www.hwb.gov.in/hindi/htmldocs/plants/Hazira.asp|title=भारी पानी संयंत्र हजीरा|accessmonthday=13 मई|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
 
हजीरा स्‍थित भारी पानी संयंत्र, जिसे हजीरा अमोनिया विस्‍तार के रूप में भी जाना जाता है, में [[अमोनिया]]-[[हाइड्रोजन]] विनिमय एकल तापीय प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है। यह संयंत्र [[सूरत]] शहर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्‍थित है। देश की पूर्व [[प्रधानमंत्री]] [[इन्दिरा गांधी]] ने 5 फ़रवरी, 1982 को इस संयंत्र की नींव रखी थी। इस संयंत्र ने हजीरा में [[अगस्त]], [[1986]] में कार्य शुरू किया तथा यह संयंत्र [[जनवरी]], [[1991]] में कमीशन किया गया।<ref name="ab">{{cite web |url=http://www.hwb.gov.in/hindi/htmldocs/plants/Hazira.asp|title=भारी पानी संयंत्र हजीरा|accessmonthday=13 मई|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
 
====कार्य प्रणाली====
 
====कार्य प्रणाली====
[[हजीरा संयंत्र]] में दो पृथक आइसोटोपिक विनिमय इकाइयों से बनी हुई दो स्‍ट्रीमों, अंतिम संवर्धन इकाइयाँ, अंतिम उत्‍पादन इकाइयाँ एवं भंजन<ref(क्रेक)</ref> इकाइयों के साथ एक अमोनिया संश्‍लेषण की साझा इकाई सम्मिलित है। भरण संश्‍लेषण गैस, जो एक भाग [[नाइट्रोजन]] तथा [[अमोनिया]] संयंत्र से प्राप्‍त ड्यूटेरियम युक्‍त [[हाइड्रोजन]] के तीन भाग का मिश्रण है, को लगभग 181-220 कि.ग्रा/वर्ग से.मी.<sup>2</sup> के [[दाब]] पर लगभग 96 टी/एचआर. की प्रवाह दर पर संयंत्र में पहुँचाया जाता है। [[गैस]] के दाब को बूस्‍टर द्वारा 40 कि.ग्रा/वर्ग से.मी.<sup>2</sup> तक प्रथमत: बढ़ाया जाता है और संयंत्र में दाब में आने वाली गिरावट पर निगाह रखी जाती है। तब इसे संयंत्र से लौटाई गई बहिर्गमन ठंडी गैस द्वारा ऊष्‍मा विनिमायक में ठंड़ा किया जाता है।
+
[[हजीरा संयंत्र]] में दो पृथक् आइसोटोपिक विनिमय इकाइयों से बनी हुई दो स्‍ट्रीमों, अंतिम संवर्धन इकाइयाँ, अंतिम उत्‍पादन इकाइयाँ एवं भंजन<ref(क्रेक)</ref> इकाइयों के साथ एक अमोनिया संश्‍लेषण की साझा इकाई सम्मिलित है। भरण संश्‍लेषण गैस, जो एक भाग [[नाइट्रोजन]] तथा [[अमोनिया]] संयंत्र से प्राप्‍त ड्यूटेरियम युक्‍त [[हाइड्रोजन]] के तीन भाग का मिश्रण है, को लगभग 181-220 कि.ग्रा/वर्ग से.मी.<sup>2</sup> के [[दाब]] पर लगभग 96 टी/एचआर. की प्रवाह दर पर संयंत्र में पहुँचाया जाता है। [[गैस]] के दाब को बूस्‍टर द्वारा 40 कि.ग्रा/वर्ग से.मी.<sup>2</sup> तक प्रथमत: बढ़ाया जाता है और संयंत्र में दाब में आने वाली गिरावट पर निगाह रखी जाती है। तब इसे संयंत्र से लौटाई गई बहिर्गमन ठंडी गैस द्वारा ऊष्‍मा विनिमायक में ठंड़ा किया जाता है।
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

13:29, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

हजीरा पश्चिमी भारत के गुजरात राज्य में स्थित है, जो सूरत ज़िले का प्रसिद्ध शहर और एक बन्दरगाह है। यह भारत के प्रमुख बंदरगाहों में से एक है। हजीरा सूरत महानगर क्षेत्र का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग है। इसे भारत का औद्योगिक हब कहा जाता है। सूरत से 15 कि.मी. की दूरी पर ताप्ती नदी के किनारे सूरत हजीरा स्‍टेट हाईवे पर उर्वरक, अमोनिया तथा जैव उर्वरकों का उत्‍पादन करने के लिए हजीरा में एक उर्वरक संयंत्र स्‍थापित किया ग्या है।

हजीरा उर्वरक संयंत्र

हजीरा स्‍थित भारी पानी संयंत्र, जिसे हजीरा अमोनिया विस्‍तार के रूप में भी जाना जाता है, में अमोनिया-हाइड्रोजन विनिमय एकल तापीय प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है। यह संयंत्र सूरत शहर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्‍थित है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने 5 फ़रवरी, 1982 को इस संयंत्र की नींव रखी थी। इस संयंत्र ने हजीरा में अगस्त, 1986 में कार्य शुरू किया तथा यह संयंत्र जनवरी, 1991 में कमीशन किया गया।[1]

कार्य प्रणाली

हजीरा संयंत्र में दो पृथक् आइसोटोपिक विनिमय इकाइयों से बनी हुई दो स्‍ट्रीमों, अंतिम संवर्धन इकाइयाँ, अंतिम उत्‍पादन इकाइयाँ एवं भंजन<ref(क्रेक)</ref> इकाइयों के साथ एक अमोनिया संश्‍लेषण की साझा इकाई सम्मिलित है। भरण संश्‍लेषण गैस, जो एक भाग नाइट्रोजन तथा अमोनिया संयंत्र से प्राप्‍त ड्यूटेरियम युक्‍त हाइड्रोजन के तीन भाग का मिश्रण है, को लगभग 181-220 कि.ग्रा/वर्ग से.मी.2 के दाब पर लगभग 96 टी/एचआर. की प्रवाह दर पर संयंत्र में पहुँचाया जाता है। गैस के दाब को बूस्‍टर द्वारा 40 कि.ग्रा/वर्ग से.मी.2 तक प्रथमत: बढ़ाया जाता है और संयंत्र में दाब में आने वाली गिरावट पर निगाह रखी जाती है। तब इसे संयंत्र से लौटाई गई बहिर्गमन ठंडी गैस द्वारा ऊष्‍मा विनिमायक में ठंड़ा किया जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारी पानी संयंत्र हजीरा (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 13 मई, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख