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*हर्षवर्धन यानि हर्ष (590-657 ई.) प्राचीन भारत में एक राजा था जिसने उत्तरी भारत में अपना एक सुदृढ़ साम्राज्य स्थापित किया था।  
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*हर्षवर्धन यानि हर्ष (590-657 ई.) प्राचीन [[भारत]] में एक राजा था जिसने उत्तरी [[भारत]] में अपना एक सुदृढ़ साम्राज्य स्थापित किया था।  
*गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद भारत में (मुख्यतः उत्तरी भाग में) अराजकता की स्थिति बनी हुई थी। ऐसी स्थिति में हर्ष के शासन ने राजनैतिक स्थिरता प्रदान की।
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*गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद [[भारत]] में (मुख्यतः उत्तरी भाग में) अराजकता की स्थिति बनी हुई थी। ऐसी स्थिति में हर्ष के शासन ने राजनैतिक स्थिरता प्रदान की।
 
*उसके काल के कवि [[बाणभट्ट]] ने उसकी जीवनी [[हर्षचरित]] नाम से लिखी है जिससे उसके जीवन के बारे में कई बाते मालूम होती हैं।  
 
*उसके काल के कवि [[बाणभट्ट]] ने उसकी जीवनी [[हर्षचरित]] नाम से लिखी है जिससे उसके जीवन के बारे में कई बाते मालूम होती हैं।  
 
*हर्ष कवि और नाटककार भी था। उसके लिखे गए दो नाटक प्रियदर्शिका और रत्नावली प्राप्त होते हैं।
 
*हर्ष कवि और नाटककार भी था। उसके लिखे गए दो नाटक प्रियदर्शिका और रत्नावली प्राप्त होते हैं।

09:50, 20 सितम्बर 2010 का अवतरण

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  • हर्षवर्धन यानि हर्ष (590-657 ई.) प्राचीन भारत में एक राजा था जिसने उत्तरी भारत में अपना एक सुदृढ़ साम्राज्य स्थापित किया था।
  • गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद भारत में (मुख्यतः उत्तरी भाग में) अराजकता की स्थिति बनी हुई थी। ऐसी स्थिति में हर्ष के शासन ने राजनैतिक स्थिरता प्रदान की।
  • उसके काल के कवि बाणभट्ट ने उसकी जीवनी हर्षचरित नाम से लिखी है जिससे उसके जीवन के बारे में कई बाते मालूम होती हैं।
  • हर्ष कवि और नाटककार भी था। उसके लिखे गए दो नाटक प्रियदर्शिका और रत्नावली प्राप्त होते हैं।