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डॉ. हर्षवर्धन की जिंदगी का ध्येय तीन शब्दों में रचा-बसा है- 'शुचिता', 'देशभक्ति' व 'समाजसेवा'। [[परिवार]], समाज और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उन्हें इसी तरह विकसित किया है। नेतृत्व क्षमता उनमें शुरू से रही है। [[कानपुर]] में गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (जीएसवीएम) मेडिकल कॉलेज में वह जूनियर डॉक्टरों के संगठन से जुड़े और उनके संघर्ष का नेतृत्व किया। जब तक वह वहां रहे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा भी लगाई। यही नहीं, जब [[आपातकाल]] लागू हुआ तो उन्होंने भूमिगत रहकर छात्रावासों में और छात्रों के बीच आंदोलन को खड़ा किया। आपातकाल खत्म होने पर जब प्रजातंत्र को पुन:स्थापित करने का आह्वान हुआ तो उन्होंने एक टीम का नेतृत्व करते हुए कानपुर से [[अमेठी]] तक के गांवों में जागरूकता यात्रा निकाली। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य व डॉ. हर्षवर्धन की सहपाठी रहीं डॉ. आरती दवे लालचंदानी के अनुसार- "वह अक्सर अपने साथियों से कहते थे कि दिल्ली लौटकर वह सियासत के साथ समाजसेवा करेंगे और दिल्ली में खुद का अस्पताल होगा, जो आगे चलकर सही भी साबित हुआ। उन्होंने ईएनटी (नाक, कान व गले) सर्जन के तौर पर कृष्णा नगर में अपना क्लीनिक शुरू किया। वह दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहने तक नियमित रूप से इस क्लीनिक में मरीज देखते थे। अब भी जब क्लीनिक पर जाते हैं, मरीजों का हाल-चाल ले लेते हैं। सियासत में आने के दशकों बाद तक इसी क्लीनिक की आय से उनका घर खर्च चलता रहा। आज भी उनका घर साधारण ही है। घर के फर्नीचर तकरीबन 30 साल पुराने हैं।<ref name="ee">{{cite web |url=https://www.jagran.com/politics/national-health-minister-dr-harshvardhan-singh-simple-and-honest-leader-who-knows-the-public-sense-jagran-special-19348509.html |title=सादगी पसंद और ईमानदार डॉ. हर्षवर्धन|accessmonthday=02 अप्रॅल|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= jagran.com|language=हिंदी}}</ref>
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डॉ. हर्षवर्धन की जिंदगी का ध्येय तीन शब्दों में रचा-बसा है- 'शुचिता', 'देशभक्ति' व 'समाजसेवा'। [[परिवार]], समाज और [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] ने उन्हें इसी तरह विकसित किया है। नेतृत्व क्षमता उनमें शुरू से रही है। [[कानपुर]] में गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (जीएसवीएम) मेडिकल कॉलेज में वह जूनियर डॉक्टरों के संगठन से जुड़े और उनके संघर्ष का नेतृत्व किया। जब तक वह वहां रहे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा भी लगाई। यही नहीं, जब [[आपातकाल]] लागू हुआ तो उन्होंने भूमिगत रहकर छात्रावासों में और छात्रों के बीच आंदोलन को खड़ा किया। आपातकाल खत्म होने पर जब प्रजातंत्र को पुन:स्थापित करने का आह्वान हुआ तो उन्होंने एक टीम का नेतृत्व करते हुए कानपुर से [[अमेठी]] तक के गांवों में जागरूकता यात्रा निकाली। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य व डॉ. हर्षवर्धन की सहपाठी रहीं डॉ. आरती दवे लालचंदानी के अनुसार- "वह अक्सर अपने साथियों से कहते थे कि दिल्ली लौटकर वह सियासत के साथ समाजसेवा करेंगे और दिल्ली में खुद का अस्पताल होगा, जो आगे चलकर सही भी साबित हुआ। उन्होंने ई.एन.टी. (नाक, कान व गले) सर्जन के तौर पर कृष्णा नगर में अपना क्लीनिक शुरू किया। वह दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहने तक नियमित रूप से इस क्लीनिक में मरीज देखते थे। अब भी जब क्लीनिक पर जाते हैं, मरीजों का हाल-चाल ले लेते हैं। सियासत में आने के दशकों बाद तक इसी क्लीनिक की आय से उनका घर खर्च चलता रहा। आज भी उनका घर साधारण ही है। घर के फर्नीचर तकरीबन 30 [[साल]] पुराने हैं।<ref name="ee">{{cite web |url=https://www.jagran.com/politics/national-health-minister-dr-harshvardhan-singh-simple-and-honest-leader-who-knows-the-public-sense-jagran-special-19348509.html |title=सादगी पसंद और ईमानदार डॉ. हर्षवर्धन|accessmonthday=02 अप्रॅल|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= jagran.com|language=हिंदी}}</ref>
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पूर्व [[प्रधानमंत्री]] [[अटल बिहारी वाजपेयी]] ने डॉ. हर्षवर्धन को ऐसे ही '''स्वास्थ्यवर्धन''' की उपाधि नहीं दी थी। उनके सिर [[दिल्ली]] समेत देशभर में पोलियो मुक्त अभियान शुरू करने का सेहरा बंधा है। अपने प्रयासों से उन्होंने इसे जनआंदोलन बना दिया। उन्हें पता था कि अधिकारियों और चिकित्सकों को साथ लेने मात्र से पोलियो से मुक्ति नहीं पाई जा सकती है, इसलिए वह स्कूलों में गए, आरडब्ल्यूए, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के साथ लगातार बैठकें कीं। सेलिब्रिटीज को इससे जोड़ा। उनका ही प्रयास था कि इस अभियान को केंद्र सरकार ने अपनाया और देश पोलियो मुक्त हुआ। जब प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]] ने उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाने का निर्णय लिया तो हर किसी को यह उपयुक्त लगा। मोदी सरकार की दोबारा ऐतिहासिक जीत के बाद स्वास्थ्य मंत्री बने डॉ. हर्षवर्धन पदभार ग्रहण करने साइकिल से मंत्रालय पहुंचे। यह छोटी यात्रा थी, पर इसमें स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति लोगों को प्रेरित करने वाला व्यापक संदेश था।

12:19, 2 अप्रैल 2020 का अवतरण

हर्षवर्धन (राजनेता)
डॉ. हर्षवर्धन
पूरा नाम डॉ. हर्षवर्धन गोयल
जन्म 13 दिसंबर, 1954
जन्म भूमि दिल्ली, भारत
अभिभावक पिता- ओम प्रकाश गोयल, माता- स्नेहलता देवी
पति/पत्नी नूतन गोयल
संतान तीन- दो पुत्र, एक पुत्री
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय जनता पार्टी
पद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री-31 मई, 2019

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री-9 नवंबर, 2014
पृथ्वी विज्ञान मंत्री-9 नवंबर, 2014

शिक्षा एम.बी.बीएस. और एम.एस.
विद्यालय ज़ाकिर हुसैन देहली कॉलेज; गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, कानपुर
व्यवसाय ऑटोलर्यनोलॉजी चिकित्सक, राजनेता
अन्य जानकारी डॉ. हर्षवर्धन को दिल्ली विधानसभा चुनाव के इतिहास में कोई कभी हरा नहीं पाया। वह 1993 में पहली बार दिल्ली के कृष्णा नगर क्षेत्र से विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे।
अद्यतन‎

डॉ. हर्षवर्धन गोयल (अंग्रेज़ी: Dr. Harshvardhan Goel, जन्म- 13 दिसंबर, 1954, दिल्ली) भारतीय राजनेता हैं। वह दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं में से एक हैं। वर्तमान में वह भारत सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हैं। डॉ. हर्षवर्धन 16वीं लोकसभा में संसद सदस्य के रूप में दिल्ली के चांदनी चौक का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोकसभा से पहले वे दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से दिल्ली के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में चुने जा चुके हैं। वह पहली बार कृष्णा नगर विधान सभा से दिल्ली विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे। डॉ. हर्षवर्धन बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ता रहे हैं, जिसने धीरे-धीरे उन्हें राजनीति की तरफ मोड़ दिया। डॉक्टरी छोड़कर राजनीति में आए डॉ. हर्षवर्धन की गिनती भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में होती है।

परिचय

डॉ. हर्षवर्धन का जन्म 13 दिसंबर, 1954 को दिल्ली में हुआ। इनके पिता का नाम ओम प्रकाश गोयल और माता का नाम स्नेहलता देवी है। उन्होंने गणेश शंकर विधार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, कानपुर से एमबीबीएस और एमएस की शिक्षा हासिल की है। डॉ. हर्षवर्धन पेशे से तालीमशुदा चिकित्सक हैं और इसीलिए पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच वह डॉक्टर साहब के नाम से मशहूर हैं। उन्होंने 26 फ़रवरी, 1982 को उन्होंने नूतन से विवाह किया। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं।

डॉक्टर से राजनेता बने डॉ. हर्षवर्धन दिल्ली के एकमात्र नेता हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए मंत्रिमंडल में जगह दी है। उनको स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, भूविज्ञान मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। पिछली सरकार में हर्षवर्धन को पहले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय दिया गया था। बाद में उन्हें पृथ्वी विज्ञान और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभार दिया गया। 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनावों में 2,28,145 वोटों से जीते डॉ. हर्षवर्धन दिल्ली की राजनीति के एक मंझे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं। वह आज तक एक भी चुनाव नहीं हारें हैं।

नेतृत्व क्षमता

डॉ. हर्षवर्धन की जिंदगी का ध्येय तीन शब्दों में रचा-बसा है- 'शुचिता', 'देशभक्ति' व 'समाजसेवा'। परिवार, समाज और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उन्हें इसी तरह विकसित किया है। नेतृत्व क्षमता उनमें शुरू से रही है। कानपुर में गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (जीएसवीएम) मेडिकल कॉलेज में वह जूनियर डॉक्टरों के संगठन से जुड़े और उनके संघर्ष का नेतृत्व किया। जब तक वह वहां रहे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा भी लगाई। यही नहीं, जब आपातकाल लागू हुआ तो उन्होंने भूमिगत रहकर छात्रावासों में और छात्रों के बीच आंदोलन को खड़ा किया। आपातकाल खत्म होने पर जब प्रजातंत्र को पुन:स्थापित करने का आह्वान हुआ तो उन्होंने एक टीम का नेतृत्व करते हुए कानपुर से अमेठी तक के गांवों में जागरूकता यात्रा निकाली। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य व डॉ. हर्षवर्धन की सहपाठी रहीं डॉ. आरती दवे लालचंदानी के अनुसार- "वह अक्सर अपने साथियों से कहते थे कि दिल्ली लौटकर वह सियासत के साथ समाजसेवा करेंगे और दिल्ली में खुद का अस्पताल होगा, जो आगे चलकर सही भी साबित हुआ। उन्होंने ई.एन.टी. (नाक, कान व गले) सर्जन के तौर पर कृष्णा नगर में अपना क्लीनिक शुरू किया। वह दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहने तक नियमित रूप से इस क्लीनिक में मरीज देखते थे। अब भी जब क्लीनिक पर जाते हैं, मरीजों का हाल-चाल ले लेते हैं। सियासत में आने के दशकों बाद तक इसी क्लीनिक की आय से उनका घर खर्च चलता रहा। आज भी उनका घर साधारण ही है। घर के फर्नीचर तकरीबन 30 साल पुराने हैं।[1]

'स्वास्थ्यवर्धन' की उपाधि

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने डॉ. हर्षवर्धन को ऐसे ही स्वास्थ्यवर्धन की उपाधि नहीं दी थी। उनके सिर दिल्ली समेत देशभर में पोलियो मुक्त अभियान शुरू करने का सेहरा बंधा है। अपने प्रयासों से उन्होंने इसे जनआंदोलन बना दिया। उन्हें पता था कि अधिकारियों और चिकित्सकों को साथ लेने मात्र से पोलियो से मुक्ति नहीं पाई जा सकती है, इसलिए वह स्कूलों में गए, आरडब्ल्यूए, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के साथ लगातार बैठकें कीं। सेलिब्रिटीज को इससे जोड़ा। उनका ही प्रयास था कि इस अभियान को केंद्र सरकार ने अपनाया और देश पोलियो मुक्त हुआ। जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाने का निर्णय लिया तो हर किसी को यह उपयुक्त लगा। मोदी सरकार की दोबारा ऐतिहासिक जीत के बाद स्वास्थ्य मंत्री बने डॉ. हर्षवर्धन पदभार ग्रहण करने साइकिल से मंत्रालय पहुंचे। यह छोटी यात्रा थी, पर इसमें स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति लोगों को प्रेरित करने वाला व्यापक संदेश था।

सादगी और ईमानदारी

डॉ. हर्षवर्धन की सादगी और ईमानदारी पूरे देश में एक नजीर हैं। वह भाजपा के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिनके बारे में पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने कहा था कि- "यदि उन्हें देश के किसी मंत्री को उल्लेखनीय कार्य के लिए पुरस्कृत करना हो तो वह इसके लिए डॉ. हर्षवर्धन को चुनना पसंद करेंगे।" जब वह स्वास्थ्य मंत्री बने तो डॉक्टरों का एक दल उनको बधाई देने गया। साथ में पैकेट में बंद भगवान की मूर्ति थी। उन्होंने उसे लेने से साफ मना कर दिया। जब उनसे बताया गया कि मूर्ति है, तब भी उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया। आखिरकार प्रतिनिधिमंडल ने ही पैकेट खोलकर मूर्ति देने का प्रस्ताव रखा, जिसे उन्होंने माना और पैकेट की जगह मूर्ति ली।

मुख्यमंत्री पद के दावेदार

डॉ. हर्षवर्धन की नेतृत्व क्षमता को लेकर भाजपा शुरू से ही आश्वस्त थी। वर्ष 1993 से 1998 तक दो मौके आए, जब उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने की पार्टी में बात चली और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी उनके पक्ष में था, लेकिन परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहीं, जिसकी वजह से अंतत: मुख्यमंत्री नहीं बन सके। इसके बाद भी वर्ष 2013 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव पार्टी ने उनके नेतृत्व में लड़ा, पर संख्या बल कुछ कम रह जाने की वजह से वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। हालांकि इसका मलाल उनके चेहरे पर कभी नहीं दिखा। जनता और पार्टी के हर फैसले को उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।[1]

सियासी सफ़र

डॉ. हर्षवर्धन की गिनती भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में होती है। दिल्ली में बीजेपी की सरकार (1993-1998) के दौरान हर्षवर्धन को स्वास्थ्य मंत्री, कानून मंत्री और शिक्षा मंत्री समेत राज्य मंत्रिमण्डल में विभिन्न पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई, जो उन्होंने बखूबी निभाई। डॉ. हर्षवर्धन को दिल्ली विधानसभा चुनाव के इतिहास में कोई कभी भी हरा नहीं पाया। वह 1993 में पहली बार दिल्ली के कृष्णा नगर क्षेत्र से विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। 1996 में उन्हें दिल्ली की सरकार में कानून और स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त किया गया। इसके बाद वह 1998, 2003 और 2008 में विधायक बने। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी बनाया गया था। डॉक्टर हर्षवर्धन को देश के वरिष्ठ, ईमानदार और कुशल संगठनकर्ता के रूप में जाना जाता है; सिर्फ बीजेपी ही नहीं, बल्कि विपक्षी दल भी उनकी ईमारदारी, सरलता और जमीनी नेता होने के कायल है। डॉ. हर्षवर्धन चार बार दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा उन्हें बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी दी गई।[1]

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 सादगी पसंद और ईमानदार डॉ. हर्षवर्धन (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 02 अप्रॅल, 2020। सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "ee" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

नरेन्द्र मोदी का कैबिनेट मंत्रिमण्डल

क्रमांक मंत्री नाम मंत्रालय
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी 1. कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

2. परमाणु ऊर्जा विभाग
3. अंतरिक्ष विभाग
4. सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे और अन्य सभी विभाग जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए हैं।

कैबिनेट मंत्री
1. राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रालय
2. अमित शाह 1. गृह मंत्रालय

2. सहकारिता मंत्रालय

3. नितिन जयराम गडकरी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
4. निर्मला सीतारमण 1. वित्त मंत्रालय

2. कारपोरेट कार्य मंत्रालय

5. नरेन्द्र सिंह तोमर कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय
6. सुब्रह्मण्यम जयशंकर विदेश मंत्री
7. अर्जुन मुंडा जनजातीय कार्य मंत्री
8. स्मृति जुबिन ईरानी महिला एवं बाल विकास मंत्री
9. पीयूष गोयल 1. कपड़ा मंत्रालय

2. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
3. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

10. धर्मेन्द्र प्रधान 1. शिक्षा मंत्रालय

2. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय

11. प्रह्लाद जोशी 1. संसदीय मामलों के मंत्री

2. कोयला मंत्रालय
3. खान मंत्रालय

12. नारायण तातू राणे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री
13. सर्बानन्द सोनोवाल 1. बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय

2. आयुष मंत्रालय

14. मुख़्तार अब्बास नक़वी अल्पसंख्यक मंत्रालय
15. वीरेन्द्र कुमार खटीक सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
16. गिरिराज सिंह 1. ग्रामीण विकास मंत्रालय

2. पंचायती राज मंत्रालय

17. ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया नागरिक उड्डयन मंत्रालय
18. रामचंद्र प्रसाद सिंह इस्पात मंत्रालय
19. अश्विनी वैष्णव 1. रेल मंत्रालय

2. संचार मंत्रालय
3. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

20. पशुपति कुमार पारस खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
21. गजेंद्र सिंह शेखावत जल शक्ति मंत्रालय
22. किरण रिजिजू कानून और न्याय मंत्रालय
23. राजकुमार सिंह 1. विद्युत मंत्रालय

2. नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय

24. हरदीप सिंह पुरी 1. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय

2. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय

25. मनसुख मंडाविया 1. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय

2. रासायनिक उर्वरक मंत्रालय

26. भूपेन्द्र यादव 1. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

2. श्रम और रोजगार मंत्रालय

27. महेंद्र नाथ पाण्डेय भारी उद्योग मंत्रालय
28. पुरुषोत्तम रूपाला मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
29. जी. किशन रेड्डी 1. संस्कृति मंत्रालय

2. पर्यटन मंत्रालय
3. पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय

30. अनुराग ठाकुर 1.सूचना और प्रसारण मंत्रालय

2. युवा मामले और खेल मंत्रालय

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
1. राव इन्द्रजीत सिंह 1. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

2. योजना मंत्रालय
3. कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्रालय

2. जितेन्द्र सिंह (भाजपा) 1. विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

2. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
3. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री
4. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री
5. परमाणु ऊर्जा विभाग में राज्य मंत्री
6. अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री

राज्य मंत्री
1. श्रीपद येस्सो नायक 1. बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. फग्गन सिंह कुलस्ते 1. इस्पात मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री

3. प्रहलाद सिंह पटेल 1. जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री

4. अश्विनी कुमार चौबे 1. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री

5. अर्जुन राम मेघवाल 1. संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री

6. जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह 1. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री

7. कृष्ण पाल गुर्जर 1. विद्युत मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. भारी उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री

8. रावसाहेब दानवे 1. रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. कोयला मंत्रालय में राज्य मंत्री
3. खान मंत्रालय में राज्य मंत्री

9. रामदास अठावले सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
10. साध्वी निरंजन ज्योति 1. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री

11. डॉ. संजीव कुमार बालयान पशुपालन, मत्स्य पालन और दुग्ध उत्पादन मंत्रालय में राज्य मंत्री
12. नित्यानंद राय गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
13. पंकज चौधरी वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री
14. अनुप्रिया सिंह पटेल उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री
15. एस. पी. सिंह बघेल न्याय और कानून मंत्रालय में राज्य मंत्री
16. राजीव चंद्रशेखर 1. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री

17. शोभा करंदलाजे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
18. भानु प्रताप सिंह वर्मा लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
19. दर्शना जरदोश 1. कपड़ा मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री

20. वी. मुरलीधरन 1. विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री

21. मीनाक्षी लेखी 1. विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री

22. सोम प्रकाश वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
23. रेणुका सिंह सरुता आदिवासी मंत्रालय में राज्य मंत्री
24. रामेश्वर तेली 1. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. श्रम और रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री

25. कैलाश चौधरी कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
26. अन्नपूर्णा देवी यादव शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
27. ए. नारायणस्वामी सामाजिक न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री
28. कौशल किशोर शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय में राज्य मंत्री
29. अजय भट्ट 1. रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. पर्यटन मंत्रालय में राज्य मंत्री

30. बी. एल. वर्मा 1. उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री

31. अजय कुमार मिश्रा गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
32. देवुसिंह चौहान संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री
33. भगवंत खुबा 1. नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. रसायन और उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री

34. कपिल पाटिल पंचायती राज मंत्रालय में राज्य मंत्री
35. प्रतिमा भौमिक सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
36. सुभाष सरकार शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
37. डॉ. भागवत किशनराव कराड वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री
38. राजकुमार रंजन सिंह 1. विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री

39. डॉ. भारती प्रवीण पवार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
40. बिश्वेश्वर टुडू 1. जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री

41. शांतनु ठाकुर बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री
42. डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई 1. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. आयुष मंत्रालय में राज्य मंत्री

43. जॉन बारला अल्पसंख्यक मंत्रालय में राज्य मंत्री
44. एल. मुरुगन 1. मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री

45. निसिथ प्रमाणिक 1. गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री

2. युवा मामले और खेल मंत्रालय में राज्य मंत्री