एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"हैदराबाद रियासत" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{incomplete}}
 
{{incomplete}}
 +
[[चित्र:Charminar-Hyderabad-1.jpg|thumb]]
 
*दक्षिण-मध्य भारत का पूर्व सामंती राज्य, निज़ाम-उल-मुल्क (मीर क़मरूद्दिन) द्वारा स्थापित, जो 1713 ई॰ से 1721 ई॰ तक दक्कन में लगातार [[मुग़ल]] बादशाहों के सूबेदार रहे। उन्हें 1724 ई॰ यह पद फिर से मिला और उन्होंने आसफ़जाह की उपाधि ग्रहण की। वस्तुतः इस समय तक वह स्वतंत्र हो गए थे। उन्होंने हैदराबाद में [[निज़ामशाही]] की स्थापना की। 1748 ई॰ में उनकी मृत्यु के बाद अंग्रेज़ों और फ़्रांसीसियों  ने उत्तराधिकार के लिए हुए युद्धों में भाग लिया।
 
*दक्षिण-मध्य भारत का पूर्व सामंती राज्य, निज़ाम-उल-मुल्क (मीर क़मरूद्दिन) द्वारा स्थापित, जो 1713 ई॰ से 1721 ई॰ तक दक्कन में लगातार [[मुग़ल]] बादशाहों के सूबेदार रहे। उन्हें 1724 ई॰ यह पद फिर से मिला और उन्होंने आसफ़जाह की उपाधि ग्रहण की। वस्तुतः इस समय तक वह स्वतंत्र हो गए थे। उन्होंने हैदराबाद में [[निज़ामशाही]] की स्थापना की। 1748 ई॰ में उनकी मृत्यु के बाद अंग्रेज़ों और फ़्रांसीसियों  ने उत्तराधिकार के लिए हुए युद्धों में भाग लिया।
  

13:31, 5 जून 2010 का अवतरण

Bharatkosh-logo.png पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं।
Charminar-Hyderabad-1.jpg
  • दक्षिण-मध्य भारत का पूर्व सामंती राज्य, निज़ाम-उल-मुल्क (मीर क़मरूद्दिन) द्वारा स्थापित, जो 1713 ई॰ से 1721 ई॰ तक दक्कन में लगातार मुग़ल बादशाहों के सूबेदार रहे। उन्हें 1724 ई॰ यह पद फिर से मिला और उन्होंने आसफ़जाह की उपाधि ग्रहण की। वस्तुतः इस समय तक वह स्वतंत्र हो गए थे। उन्होंने हैदराबाद में निज़ामशाही की स्थापना की। 1748 ई॰ में उनकी मृत्यु के बाद अंग्रेज़ों और फ़्रांसीसियों ने उत्तराधिकार के लिए हुए युद्धों में भाग लिया।

{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}} देखें हैदराबाद