अपीलें बहुत अम्न की आ रही हैं कहीं साज़िशें फिर रची जा रही हैं शरीरों[1] ने बदले हैं किरदार अपने मुहब्बत की बातें कही जा रही हैं वतन के न हक़ में थीं जो ताक़तें कल वही आज 'नज़्मे-वतन' गा रही हैं सभी लोग सहमें हैं दैरो हरम[2] से घरों में दुआएं पढ़ी जा रही हैं सुना है तमाशा भी अच्छा ही होगा अभी पटकथाएं लिखी जा रही हैं
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अशोक चक्रधर · आलोक धन्वा · अनिल जनविजय · उदय प्रकाश · कन्हैयालाल नंदन · कमलेश भट्ट कमल · गोपालदास नीरज · राजेश जोशी · मणि मधुकर · शरद जोशी · प्रसून जोशी · कुमार विश्वास · डॉ. तुलसीराम · रमाशंकर यादव 'विद्रोही' · बागेश्री चक्रधर