अल मोहदी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

अल्‌-मोहदी की स्थापना इब्न तुर्मत (महदी पदवीधारी) और उनके मित्र अब्दुल मोमिन (अमीरुल-मोमिनीन पदवीधारी) नामक दो धार्मिक व्यक्तियों द्वारा हुई। अल्‌-मोहदी वंश ने समस्त पूर्वी अफ्रीका तथा मुसलमानी स्पेन पर 1128 से 1269 ई. तक शासन किया। इब्न तुर्मत को संभवत: कोई पुत्र नहीं था अत: अब्दुल मोमिन के बाद के 11 शासक उसकी संतान न होकर उसके परिवार से चुने गए।

इब्न तुर्मत अरग में इमान गज़ाली तथा मदीना की परंपराओं से प्रभावित हुए। अफ्रीका लौटने पर उन्होंने अपने विरोधियों को काफ़िर घाषित किया और अलमोरावीद दल से अनवरत युद्ध प्रारंभ कर दिया। अलमोरावीद[1] मालिकी परंपरा के अनुयायी थे। वे कुरान के शाब्दिक अर्थ और खुदा के सशरीर व्यक्तित्व (मुज्जसमिया) में, जो वस्तुत: एक आध्यात्मिक निरर्थकता है, विश्वास रखते थे। अल-तुर्मत अफ्रीका के सुदूर बीहड़ प्रदेश में एक छोटे से राज्य की स्थापना कर सके, किंतु उनकी मृत्यु के पश्चात्‌ उनके मित्र अब्दुल मोमिन ने पहले मोरक्को पर और सात वर्ष के अथक प्रयत्न के पश्चात्‌ समस्त पूर्वी अफ्रीका और मुसलमानी स्पेन पर अधिकार कर लिया। अल्‌-मुराबी मान्यता के विरुद्ध अल्‌-मोहदी स्वयं को खलीफ़ा घोषित करते थे और बगदाद के खलीफ़ा स्वीकार नहीं करते थे।[2]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1061-1145
  2. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 268 |

संबंधित लेख