कड़ाका होना
अर्थ- फ़ाका होना।
प्रयोग- प्राय: एक जून तो चबैने पर ही कटता था, दूसरे जून भी कभी आधा पेट भोजन मिला कभी कड़ाका हो गया। - (प्रेमचंद)
अर्थ- फ़ाका होना।
प्रयोग- प्राय: एक जून तो चबैने पर ही कटता था, दूसरे जून भी कभी आधा पेट भोजन मिला कभी कड़ाका हो गया। - (प्रेमचंद)