कहावत लोकोक्ति मुहावरे
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अर्थ
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1- चोर की दाढ़ी में तिनका होना।
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अर्थ -मन में पाप रखने वाला नज़रें नहीं मिला पाता।
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2- चोर चोरी से जाये, हेरा-फेरी से न जाये।
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अर्थ - बुरी आदतें मुश्किल से दूर होती हैं।
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3- चक्की में कौर डालोगे तो चून पाओगे।
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अर्थ - कुछ करोगे तो फल मिलेगा।
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4- चट मँगनी पट ब्याह।
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अर्थ - तत्काल कार्य होना।
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5- चढ़ जा बेटा सूली पर, भली करेंगे राम।
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अर्थ - किसी के कहने पर विपत्ति में पड़ना।
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6- चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए।
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अर्थ - दोषी के साथ कहीं निर्दोष न मारा जाए।
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7- चमगादड़ों के घर मेहमान आए, हम भी लटके तुम भी लटको।
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अर्थ - ग़रीब आदमी क्या आवभगत करेगा।
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8- चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए।
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अर्थ - बहुत कंजूसी करना।
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9- चमार चमड़े का यार।
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अर्थ - स्वार्थी व्यक्ति होना।।
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10- चरसी यार किसके दम लगाया खिसके।
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अर्थ - एकदम स्वार्थी होना। आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है।।
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11- चलती का नाम गाड़ी है।
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अर्थ - जिसका काम चल निकले, उसी का बोलबाला है।
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12- चाँद को भी ग्रहण लगता है।
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अर्थ - कभी भले आदमी की भी बदनामी हो जाती है।
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13- चाकरी में न करी क्याद।
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अर्थ - नौकरी में स्वामी की आज्ञा माननी पड़ती है।
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14- चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात।
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अर्थ - सुख थोड़े ही दिन का होता है।
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15- चिकना मुँह पेट ख़ाली।
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अर्थ - देखने में अच्छा–भला भीतर से दु:खी होना।
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16- चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता।
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अर्थ - निर्लज्ज आदमी पर कोई असर नहीं पड़ता है।
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17- चिकने मुँह को सब चूमते हैं।
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अर्थ - ऊँचे आदमी के सब यार हैं।
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18- चित भी मेरी पट भी मेरी।
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अर्थ - हर हालत में मेरा ही लाभ।
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19- चिराग तले अँधेरा।
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अर्थ - अपने पास का वातावरण ठीक न होना, पास की चीज़ दिखाई न पड़ना।
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20- चिराग में बत्ती और आँख पे पट्टी।
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अर्थ - शाम होते ही सोने लगना।
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21- चींटी की मौत आती है तो पर निकलते हैं।
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अर्थ - घमंड करने से नाश होता है।।
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22- चील के घोसले में मांस कहाँ।
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अर्थ - यहाँ कुछ भी नहीं बचा रह सकता।
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23- चुड़ैल पर दिल आ जाए तो वह भी परी है।
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अर्थ - जो चीज़ पसंद हो वह सब से अच्छी मान लेना।
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24- चुल्लू़ भर पानी में डूब मरना।
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अर्थ - शर्म के मारे मुँह न दिखाना।
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25- चुल्लून–चुल्लू साधेगा, दुआरे हाथी बाँधेगा।
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अर्थ - थोड़ा-थोड़ा जमा करके अमीर हो जाओगे।
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26- चूल्हे की न चक्की की।
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अर्थ -घर का कोई काम न करना।
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27- चूहे का बच्चा बिल ही खोदता है।
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अर्थ - जन्मजात कार्य, स्वभाव नहीं बदलता।
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28-चूहे के नाम से कहीं नगाड़े मढ़े जाते हैं।
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अर्थ - थोड़ी वस्तु से बड़ा काम नहीं हो सकता।
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29- चूहों की मौत बिल्ली का खेल।
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अर्थ - किसी को कष्ट देकर मौज करना।।
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30- चोट्टी कुतिया जलेबियों की रखवाली पर।
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अर्थ - चोर को रक्षा करने के कार्य पर लगाना।
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31- चोर के पैर नहीं होते।
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अर्थ - दोषी व्यक्ति अपने आप फंसता है।
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32- चोर-चोर मौसेरे भाई।
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अर्थ - एक जैसे बदमाश का मेल हो जाता है।
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33- चोर–चोरी से गया तो क्या हेरा-फेरी से भी गया।
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अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही।
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34- चोर –चोरी से जाए, हेरा-फेरी न जाए।
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अर्थ - दुष्ट आदमी कोई न कोई न कोई गड़बड़ करेगा ही।
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35- चार लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले।
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अर्थ - ज़बरदस्त आदमी से दो व्यक्ति हार जाते हैं।
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36- चोर को कहे चोरी कर और साह से कहे जागते रहो।
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अर्थ - दो पक्षों को लड़ाने वाला।
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37- चोरी और सीनाज़ोरी।
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अर्थ - एक तो अपराध उस पर अकड़ दिखाना।
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38- चोरी का धन मोरी में।
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अर्थ - हराम की कमाई बेकार जाती है।
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39- चौबे जी गए छब्बे जी बनने, दूबे जी ही रह गए।
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अर्थ - अधिक पाने के लालच में अपना सब कुछ गँवा बैठे।
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40- चंडाल चौकड़ी।
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अर्थ - निकम्मे बदमाश लोगों का समूह।
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41- चंडूखाने की गप्प मारना।
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अर्थ - पागलों की सी झूठी-मूठी बातें करना।
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42- चचा बनाकर।
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अर्थ - खूब मरम्मत करना देख लेना।
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43- चप्पा-चप्पा छान मारना।
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अर्थ - हर जगह ढूँढ लेना।
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44- चलता पुरजा।
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अर्थ - चालाक और व्यवहार कुशल।
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45- चलता बनना।
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अर्थ - खिसक जाना।
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46- चलती गाड़ी में रोड़ा अटकाना।
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अर्थ - बनते काम में विघ्ऩ डालना।
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47- चल बसना।
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अर्थ - मर जाना।
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48- चांद खुजलाना।
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अर्थ - पीटने का जी करना।
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49- चाँद पर थूकना।
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अर्थ - किसी अच्छे आदमी पर कलंक लगाना।
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50- चाँदी काटना।
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अर्थ - खूब धन पैदा करना।
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51- चादर से बाहर पैर पसारना।
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अर्थ - आमदनी से अधिक व्यय करना।
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52- चार चाँद लगना।
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अर्थ - बहुत शोभा होना।
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53- चार दिन की चाँदनी।
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अर्थ - थोड़े दिनों का सुख।
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54- चारपाई से लगना।
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अर्थ - बीमारी से उठ न पाना।
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55- चिकना घड़ा।
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अर्थ - बेशर्म पर कोई असर नहीं होना।
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56- चित्त से उतरना।
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अर्थ - भूल जाना।
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57- चींटी के पर निकलना।
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अर्थ - नष्ट होने के क़्ररीब होना।
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58- चुटिया हाथ में होना।
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अर्थ - वश में होना।
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59- चुल्लुओं लहू पीना।
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अर्थ - बहुत परेशान करना।
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60- चूड़ियां पहनना।
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अर्थ - औरतों की तरह डरपोक होना।
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61- चूना लगाना।
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अर्थ - धोखा देना।
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62- चूलें ढीली होना।
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अर्थ - अंग-अंग शिथिल होना।
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63- चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना।
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अर्थ - डर से घबराना।
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64- चोटी का पसीना एड़ी तक आना।
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अर्थ - कड़ा परिश्रम करना।
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65- चोली दामन का साथ।
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अर्थ - घनिष्ठा संबंध।
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66- चौदहवीं का चाँद।
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अर्थ - बहुत सुन्दर होना।
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67- चटकारे /चटखारे लेना।
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अर्थ - मज़ा लेना।
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68- चटनी करना/बनाना।
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अर्थ - तोड़ -फोड़ डालना अथवा चूर चूर कर डालना, ख़ूब मारना।
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69-चटनी होना/हो जाना।
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अर्थ - किसी चीज़ का थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लोगों में बँट जाना।
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70- चटाक से।
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अर्थ - बहुत तेज़ी से या जल्दी जल्दी।
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71- चटाके का।
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अर्थ - ज़ोरों का।
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72- चटाना।
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अर्थ - खिलाना, रिश्वत देना।
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73- चढ्ढी देना।
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अर्थ - हारने पर पीठ पर सवार कराना।
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74- चट्टे-बट्टे लड़ाना।
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अर्थ - इधर की बातें उधर और उधर की बातें इधर पहुँचाकर दो व्यक्तियों या पक्षों में वैर-विरोध खड़ा करना।
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75- चढ़ जाना।
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अर्थ - आक्रमाण करना।
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76- चड्ढी गाँठना।
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अर्थ - सवारी करना।
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75- चढ़ बैठना।
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अर्थ - बुरी तरह पीछे पड़ जाना।
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76- चढ़ती उमर/जवानी।
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अर्थ - वह अवस्था जिसमें कोई यौवन में प्रवेश कर रहा हो।
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77- चढ़ा जाना।
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अर्थ - पी या खा जाना।
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78- चढ़ा देना।
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अर्थ - श्रद्धापूर्वक देना उत्सर्ग या बलिदान करना।
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79- चढ़ा -उपरी।
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अर्थ - एक दूसरे से आगे बढ़ निकलने के लिए की जाने वाली होड़।
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80- चढ़ाकर आना।
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अर्थ - धुत होकर आना, नशा करके आना।
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81- चपत पड़ना।
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अर्थ - आघात लगना।
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82- चपरगट्टू बनाना।
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अर्थ - खूब दुर्दशा करना।
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83- चप्पा चप्पा छान डालना।
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अर्थ - हर एक जगह देख आना।
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84- चना चबाकर बातें करना।
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अर्थ - बहुत धीरे-धीरे और रूक रूककर बात करना।
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85- चमक उठना
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अर्थ - उन्नत होना, समृद्ध होना, भाग्य खुलना।
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86-चमड़ा उधेड़ना/चमड़ी उधेड़ना।
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अर्थ - चमड़ा खींचकर शरीर से अलग करना, बहुत अधिक मारना, पीटना, चमड़ी उधेड़ना।
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87- चमड़ी मोटी होना।
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अर्थ - बेशर्म होना।
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88- चरका देना।
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अर्थ - धोखा देना।
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89- चरण चापना।
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अर्थ - सेवा करना।
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90- चरण चूमना/चरण छूना।
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अर्थ - अत्यधिक सम्मान देना, पाँव छूकर प्रणाम करना।
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91- चरबी चढ़ना।
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अर्थ - मोटा होना।
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92- चल पड़ना
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अर्थ - रवाना होना।
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93- चाँदी का जूता।
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अर्थ - रिश्वत,घूस।
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94- चलता कर देना।
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अर्थ - टाल-मटोल कर या डाँट-डपटकर भगाना।
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95- चरणामृत लेना।
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अर्थ - चरणामृत पीना, थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ पीना।
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96- चरम बिंदु पर पहुँच जाना।
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अर्थ - बहुत अधिक बढ़ जाना।
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97- चलते फिरते नज़र आना।
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अर्थ - नमूना पेशकर चलते बने, कहीं से जाना।
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98- चलना।
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अर्थ - प्रचलन में होना, गतिशील रहना या होना।
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99- चराना।
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उन जैसों को बहुत देखा है। हमें क्या चराएँगे वे?
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100- चर्चा चलना।
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अर्थ - ज़िक्र छिड़ना।
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101-चल देना।
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अर्थ - बिना कहे सुने या चुपके से कहीं से हट जाना,महाप्रयाण करना।
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102- चलता करना।
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अर्थ - जल्दी-जल्दी या जैसे-तैसे करना।
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103- चाँदी कर डालना।
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अर्थ - ख़ूब लाभ होना।
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104- चंग पर चढ़ाना।
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अर्थ - बहुत अधिक बढ़ावा देना।
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105- चंगुल में फँसना/आना।
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अर्थ - पूरी तरह से किसी के वश में होना।
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106- चंगुल से छुड़ाना।
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अर्थ - मुक्त करना।
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107- चंडूख़ाने की गप्प।
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अर्थ - बदहवासी में कही हुई बात, बिना सिर पैर की बात।
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108- चंद दिनों का मेहमान।
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अर्थ - मरणासन्न होना।
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109- चंदन उतारना।
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अर्थ - पानी के साथ चंदन घिसना जिससे उसका अंश पानी में घुल जाए।
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110- चंदन चढ़ाना।
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अर्थ - किसी चीज पर घिसे हुए चंदन का लेप करना।
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111- चकनाचूर होना।
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अर्थ - नष्ट हो जाना।
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112- चकमा देना।
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अर्थ - धोखा देना।
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113- चकमे में आना/आ जाना।
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अर्थ - धोखा खा जाना।
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114- चक्कर आना।
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अर्थ - सिर चकराने लगना।
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115- चक्कर काटना।
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अर्थ - किसी चीज के चारों ओर घूमना, मँडराना।
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116-चक्कर मे होना।
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अर्थ - प्राप्ति या कार्य-साधन में लगे होना।
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117- चक्का चलना।
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अर्थ - मशीन का चालू होना या रहना।
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118- चखचख होना/हो उठना।
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अर्थ - तू तू मैं मैं (आपस में लड़ाई-झगड़ा होना)।
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119- चटकर जाना।
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अर्थ - सबका सब खा जाना।
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120- चट मँगनी पट ब्याह।
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अर्थ - तुरंत किया जाने वाला किसी कार्य का निष्पादन।
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121- चचा बनाना/बनाकर छोड़ना।
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अर्थ - उचित दंड या प्रतिफल दोना।
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122- चक्र चलाना।
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अर्थ - योजना पूर्वक कार्य करना।
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123- चक्की में पीसना।
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अर्थ - किसी भार स्वरूप काम में जुटे रहना।
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124- चक्की पीसना/पिसवाना।
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अर्थ - कठोर परिश्रम करना।
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125- चक्का जाम होना/ हो जाना।
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अर्थ - मशीन बंद करना।
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126- चक्का जाम करना/कर देना।
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अर्थ - रास्ता रोक देना, यातायात न चलने देना।
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