कहीं ठिकाना न लगना
अर्थ- किसी भी जगह शरण न मिलना।
प्रयोग- महीनों नौकरी की खोज में मारा मारा फिरा लेकिन कहीं ठिकाना न लगा। (प्रेमचंद)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
"https://bharatdiscovery.org/bharatkosh/w/index.php?title=कहीं_ठिकाना_न_लगना&oldid=624510" से लिया गया