कायल करना
अर्थ- तर्क, गुण, योग्यता, व्यवहार आदि से किसी को निरुत्तर करना।
प्रयोग- उनके मन में मंत्र की बात बैठ गई थी और तर्क द्वारा उन्हें कायल करना कठिन था। (प्रेमचंद)
अर्थ- तर्क, गुण, योग्यता, व्यवहार आदि से किसी को निरुत्तर करना।
प्रयोग- उनके मन में मंत्र की बात बैठ गई थी और तर्क द्वारा उन्हें कायल करना कठिन था। (प्रेमचंद)