काल के गाल में जाना
अर्थ- मर जाना।
प्रयोग- तुम पार्वती और शंकर के इकलौते पुत्र होकर मेरे तीखे बाणों से बिंधकर क्यों काल के गाल में जाना चाहते हो। (सीताराम चतुर्वेदी)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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