कृष्णवेणा नदी

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कृष्णवेणा नदी का उल्लेख महाभारत, सभापर्व[1] में हुआ है। इस उल्लेख के अनुसार कृष्णवेणा दक्षिण भारत की कृष्णा जान पड़ती है।[2]

'गोदावरी कृष्णवेणा कावेरी च सरिद्वरा, किंपुना च विशल्या च तथा वैतरणी नदी'।

  • श्री चि. वि. वैद्य का मत है कि कृष्णवेणा नदी, कृष्णा से भिन्न है। किंतु इस विशिष्ट स्थल पर इसका गोदावरी और कावेरी के बीच उल्लेख होने के कारण तथा कृष्णा का पृथक् नामोल्लेख न होने से पहला मत ही ग्राह्य जान पड़ता है।
  • 'कृष्णवेणा', 'कृष्ण वेणी', 'कृष्णा' आधुनिक कृष्णा नदी के ही नाम हैं, जो दक्षिण भारत में किष्किंधा के उत्तर और क्रौंच आरण्य के दक्षिण वाले भाग से होकर बहती है।[3]


इन्हें भी देखें: कृष्णा नदी


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सभापर्व 9, 20
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 220 |
  3. पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 556, परिशिष्ट 'क' |

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