खीरा-ककड़ी समझना
अर्थ- दुर्बल और तुच्छ समझना।
प्रयोग- यहाँ के बराती बात बढ़ जाए तो लाठी उठा लें, बहन बेटी एक कर डालें, दुश्मन को खीरा-ककड़ी ही समझते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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