गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद

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गुजरात विद्यापीठ अहमदाबाद में स्थित एक हिंदी सेवी संस्था है।

स्थापना

गुजरात विद्यापीठ की स्थापना 18 अक्तूबर, 1920 को राष्ट्रीय शिक्षण संस्था के तौर पर हुई। तभी से विद्यापीठ के उद्देश्यों में राष्ट्रभाषा हिन्दी का अभ्यास देवनागरी और उर्दू लिपियों में रखा गया। सितंबर, 1949 में संविधान सभा ने हिन्दी को राजभाषा स्वीकार कर लिया और लिपि देवनागरी और आंकड़े–हिन्दी का अंतर्राष्ट्रीय रूप– रोमन आंकड़े स्वीकार किए गए। इस प्रस्ताव के पास हो जाने से विद्यापीठ की हिन्दी प्रचार के कार्य में कुछ फर्क पड़ा। फर्क यह था की विद्यापीठ की हिन्दी परीक्षाओं में उर्दू लिपि ऐच्छिक कर दी गई।

विशेषताएँ

  • हिन्दी तीसरी, हिन्दी विनीत और हिन्दी सेवक परीक्षाएँ चलती हैं जिन्हें क्रमश: हिन्दी स्तर के हाई स्कूल, इंटर तथा बी.ए. के समकक्ष मान्यता प्राप्त है।
  • संस्था की तरफ से केंद्रीय पुस्तकालय अहमदाबाद में चलता है।
  • विद्यापीठ से ‘संपर्क पत्रिका’ नामक विर्षिक पत्र निकलता है।
  • हिन्दी बोलने की शक्ति बढ़े, इसके लिए आए वर्ष भाग लेने वालों की योग्यता के अनुसार हिन्दी वक्तृत्व प्रतियोगिता चलाई जाती है। [1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. लोंढे, शंकरराव। हिन्दी की स्वैच्छिक संस्थाएँ (हिंदी) भारतकोश। अभिगमन तिथि: 25 मार्च, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

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