चंडूख़ाने की गप्प

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चंडूख़ाने की गप्प एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- बदहवासी में कही हुई बात, बिना सिर पैर की बात।

प्रयोग- इस बात में कोई तत्व नहीं हैं। यह कोरी चंडूखाने की गप्प है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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