जली-कटी सुनाना
अर्थ- ईर्ष्या, क्रोध आदि के कारण कड़ी और कड़वी बातें कहना।
प्रयोग- ऐसी जली-कटी सुना रही थी कि लोगों की सहानुभुति उससे दूर होती जा रही थी।(प्रेमचंद)
अर्थ- ईर्ष्या, क्रोध आदि के कारण कड़ी और कड़वी बातें कहना।
प्रयोग- ऐसी जली-कटी सुना रही थी कि लोगों की सहानुभुति उससे दूर होती जा रही थी।(प्रेमचंद)