ज़बान कैंची की तरह चलाना
अर्थ- बहुत बढ़-बढ़कर तीखी बातें करना।
प्रयोग- कितनी बार कह चुकी हूँ ऐसी बातें न किया करो, लेकिन तुम्हारी ज़बान जब चलने पर आती है तो कैंची की तरह चलती ही जाती है।(भूषण वनमाली)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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