ज़बान तालू से लिपटना
अर्थ- मुँह से बात ही न निकलना।
प्रयोग- आख़िर रामू की बेकसी उसे बड़े भाई के दरवाज़े की ओर खींच ले गई। वह चौखट के भीतर चला तो गया मगर वहाँ की कैफ़ियत देखकर ज़बान तालू से लिपट गई।(राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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