ज़बान पर मुहर लगा देना
अर्थ- कुछ न बोलने या कहने का दृढ़ निश्चय कर लेना।
प्रयोग- अगर वह जानता कि उन डींगों का यह फल होगा तो 'ज़बान पर मुहर लगा लेता'। ...(प्रेमचंद)
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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