तीसरी लोकसभा (1962)

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तीसरी लोकसभा का गठन अप्रैल, 1962 में हुआ। वर्ष 1957 के चुनावों में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस को शानदार विजय दिलाई थी। अपने कार्यकाल के दौरान इस कांग्रेसी नेता ने विकास के क्षेत्रों में भी देश के एक नए रूप की कल्पना की। भारत में 'पंचवर्षीय योजना' प्रभाव में आई, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करके लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना था।

  • तीसरी लोकसभा के समय पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध खराब बने हुए थे। चीन के साथ दोस्ताना संबंध भी अक्टूबर, 1962 के युद्ध से एक मिथ्या ही साबित हुए।
  • 1962 के भारत-चीन युद्ध के पीछे प्रमुख मुद्दा चीन द्वारा तिब्बत के बिल्कुल पश्चिम में अक्साई चिन के विवादित क्षेत्र में चीनी सैन्य राजमार्ग का निर्माण करना था।
  • अपनी सरकार द्वारा सुरक्षा पर अपर्याप्त ध्यान देने के मुद्दे पर चारों से घिरे ओर आलोचना के बाद जवाहरलाल नेहरू को तत्कालीन रक्षामंत्री कृष्ण मेनन को हटाने बाध्य होना पड़ा।
  • दिल का दौरा पड़ने से 27 मई, 1964 को जवाहरलाल नेहरू का निधन हो गया। इस समय वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता गुलजारीलाल नन्दा ने नेहरू की मौत के बाद दो सप्ताह के लिए उनके स्थान पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया।
  • कांग्रेस द्वारा लाल बहादुर शास्त्री को नया नेता चुने जाने तक गुलजारीलाल नन्दा ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में काम किया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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