दत्तहोम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

दत्तहोम हिन्दू धर्म में दत्तक पुत्र ग्रहण करने के समय धार्मिक विधि से किया जाने वाला अनुष्ठान है।[1]

  • हिन्दुओं में पुत्रहीन पिता अपना उत्तराधिकारी एवं वंश परंपरा स्थापित करने के लिए दूसरे के पुत्र को ग्रहण करता है।
  • इस अवसर पर उसे दूसरी आवश्यक विधियों के करने के पश्चात् व्याहृतिहोम अथवा दत्तहोम करना पड़ता है।
  • दत्तहोम का आशय देवताओं का साक्षित्व प्राप्त करना होता है कि उनकी उपस्थिति में पुत्र संग्रह का कार्य सम्पन्न हुआ।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ. राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 311 |

संबंधित लेख