नन्दा नदी

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नन्दा महाभारत, वनपर्व[1] के अनुसार एक नदी का नाम है। पाण्डवों की यात्रा के प्रसंग में इस नदी का उल्लेख है।

'तत: प्रयात: कौन्तेय क्रमेण भरतर्षभ, नन्दामपर नंदीच नद्यौ पाप भयापहे'[2]

  • उपर्युक्त में पाण्डवों की तीर्थ यात्रा के प्रसंग में नन्दा और अपरनन्दा नदियों का उल्लेख है, जो संदर्भानुसार पूर्वी बिहार की नदियाँ जान पड़ती है।
  • नन्दा और अपरनन्दा की स्थिति कौशकी या कौसी[3] नदी के पूर्व में थी।
  • एक अन्य विवरण के अनुसार नन्दा अजमेर ज़िला, राजस्थान में पुष्कर के निकट बहने वाली एक नदी का नाम है।
  • पुष्कर से 12 मील दूर प्राचीन सरस्वती और नन्दा का संगम है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 471 |

  1. महाभारत, वनपर्व 110, 1.
  2. महाभारत, वनपर्व 110, 1.
  3. (=कौश्या)

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